यूगांडा के ख्रीस्तियों ने शहीद दिवस मनाया

यूगांडा के शहीदों के अवशेष यूगांडा के शहीदों के अवशेष

यूगांडा के काथलिकों ने 3 जून को सीमित विश्वासियों के साथ शहीद दिवस मनाया। यूगांडा के शहीदों को 1800वीं सदी के अंत में विश्वास के कारण शहीद होना पड़ा था। कलीसिया उनका पर्व 3 जून को मनाती है। उन शहीदों को नामुगोंगो पहाड़ पर जिंदा जला दिया गया था।

 यूगांडा के काथलिकों ने 3 जून को सीमित विश्वासियों के साथ शहीद दिवस मनाया। कोविड-19 के कारण इस साल शहीद दिवस को विश्वासियों की भारी संख्या के साथ मनाया नहीं जा सका, जैसा कि हर साल मनाया जाता है। परम्परा के अनुसार इस दिन हजारों की संख्या में विश्वासी नामुगोंगो राष्ट्रीय तीर्थस्थल की तीर्थयात्रा करते हैं।

शहीद दिवस समारोह
कम्पाला के महाधर्माध्यक्ष मोनसिन्योर सिप्रियन किजितो लोवंगा ने तीर्थस्थल पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया। ख्रीस्तयाग को टेलीविजन एवं फेसबुक द्वारा सीधा प्रसारित किया गया। इस दिन को मनाने के लिए नोविना प्रार्थना भी की गई जिसमें कोविड-19 रोगियों की चंगाई एवं पहली पंक्ति पर कार्यरत लोगों के लिए विशेष प्रार्थना की गई। 

इतना ही नहीं, यूगांडा के काथलिकों ने बाढ़ और टिड्डियों द्वारा कई अफ्रीकी देशों की तबाही पर, आपदाओं से पीड़ित लोगों के लिए भी प्रार्थना की।

यूगांडा के शहीद
यूगांडा के शहीदों को 1800वीं सदी के अंत में विश्वास के कारण शहीद होना पड़ा था। कलीसिया उनका पर्व 3 जून को मनाती है। उन शहीदों को नामुगोंगो पहाड़ पर जिंदा जला दिया गया था।

28 नवम्बर 2015 को संत पापा फ्राँसिस ने अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान शहीदों की याद करते हुए कहा था कि "पवित्र आत्मा की शक्ति से संचालित उनका जीवन आज भी येसु ख्रीस्त के सुसमाचार की परिवर्तन करने की शक्ति का साक्ष्य प्रस्तुत करता है।"

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