ऐ वतन मेरे आबाद रहे तू!

प्रतीकात्मक तस्वीरप्रतीकात्मक तस्वीर

कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में जो संकट की स्थिति बनी हुई है, उससे हम सभी भली-भांति परिचित है। दुनियाभर के तकरीबन हर देश में लॉकडाउन कर दिया गया है। हर देश की सरकार इस जानलेवा संक्रमण से बचने के लिए व्यापक एवं ठोस कदम उठा रही है। हमारे देश की सरकार ने भी लोगों की हिफाज़त के लिये लॉकडाउन की अवधि में और इज़ाफा कर दिया है। साथ ही सरकार द्वारा लोगों को घर मे रहने की सख्त हिदायत भी दी गयी है। जिससे कि हम सभी मिलकर इस महामारी से जल्द से जल्द मुक्त हो सकें। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि आजकल बहुत सी ऐसी खबरें सुनने को आ रही है कि लोग लॉकडाउन का पालन सही तरीके से नही कर रहे है। साथ ही वे नियमों को तोड़कर अन्य लोगों के लिए खतरे को बढ़ा रहे है।
संकट के इस समय मे भी लोगों के बीच में किसी विशेष धर्म, जाति, रंग-रूप, समुदाय, पेशे एवं स्थान के आधार पर लोगों के प्रति गलत भावना बनी हुई है। मैं आप सभी के सामने अपने विचार प्रस्तुत करना चाहूंगा कि सरकार ने जो हमें इस वायरस से बचने के लिए जो दिशा निर्देश दिए है वह सभी हमारी सुरक्षा के लिए है। 
यह देश हम सब लोगों का है। देश की प्रगति, विकास, विनाश एवं सबकुछ हम लोगों पर निर्भर करता है। क्योंकि देश देशवासियों से मिलकर बना है। इस देश के प्रति हम सभी देशवासियों की कर्तव्य के साथ साथ कुछ जिम्मेदारियां भी है। जिनका हमें अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए। आज हमारा देश जिस आपदा से गुजर रहा है, उस आपदा का सीधा सीधा ताल्लुक हमसे है। और इससे बचने के लिए हम सभी को अपना अपना योगदान देना होगा। हम सारी चीज़ें सरकार पर नही छोड़ सकते है। सरकार हमारे सहयोग के बिना कुछ नही कर सकती है, वह अकेले इस वायरस से नही लड़ सकती है। हमें सरकार को अपना अमूल्य योगदान देना होगा तभी हम इस जंग में जीत हासिल कर सकते है। हम सभी को एकसाथ मिलकर इस महामारी को फैलने से रोकना है। और इसे रोकने का कार्य हमें अपने-अपने घरों से ही शुरू करना होगा। हमारी सुरक्षा एवं हमारे परिवार की सुरक्षा हमारे अपने ही हाथों में है। यदि हम सभी इस बात को मान ले और अपने आप को शारीरिक रूप से दूर कर ले तो इस महामारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा। जिससे कि परिवार एवं मौहल्ले के साथ साथ पूरा देश सुरक्षित हो जाएगा।
इस कठिन समय में लोगों को विशेषकर गरीबों को जीवन यापन करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्हें कोरोना वायरस के साथ साथ पेट की भूख एवं पारिवारिक समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है। फिर भी ऐसे लोग जो यह जानकर कि कोरोना के खिलाफ सभी को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाना है और वे अपने अपने घरों में रह रहे है। ऐसे ही लोग है जो वास्तव में देश की सुरक्षा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे है। हमें भी इसी विचारधारा के साथ कि "जान है तो जहान है" को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन का पालन करना है।साथ ही आज मैं एक और बात आप लोगों से कहना चाहूंगा कि जो डॉक्टर, नर्स एवं चिकित्सा कर्मी हमारा इलाज कर रहे है। वो हमारे लिए किसी भगवान से कम नही है। क्योंकि ऐसी विकट परिस्थिति में भी वे बिना अपनी जान की परवाह करते हुए हमें अपनी निःस्वार्थ सेवा दे रहे है। और जब इन पर होने वाले अत्याचार की खबर मिलती है तो यह बेहद ही शर्मनाक बात है। वे हमारी ही मदद कर रहे है। हमे उनका समर्थन करना चाहिए ना कि उन पर अत्याचार। अगर यह लॉकडाउन ना लगा होता और यह डॉक्टर, नर्स एवं चिकित्सा कर्मी कोरोना से संक्रमित लोगों का इलाज नही करते तो आज हमारे देश में जो हज़ारों कोरोना के मरीज है उनकी संख्या हज़ारों से लाखों हो जाती। अब आप सोचिये कि इनके सहयोग के बिना कितनी भयावह स्थिति हो जाती।
मैं आप लोगों से अपील करता हूँ कि देश की सुरक्षा में अपना योगदान दीजिये। घर रहिये, सुरक्षित रहिये एवं उचित शारीरिक दूरी बनाए रखिये। कोरोना वायरस आज नही तो कल खत्म हो ही जायेगा मगर यह जीवन हमें दोबारा नही प्राप्त होगा। इसलिये अपना एवं अपने परिवार का ख्याल रखिये एवं देश की सुरक्षा में अपना योगदान दीजिये।

धन्यवाद!

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