ज्योतिषियों का आगमन

संत मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार
1: 1-12

ईसा का जन्म यहूदिया के बेथलेहेम में राजा हेरोद के समय हुआ था। इसके बाद ज्योतिषी पूर्व से येरूसालेम आये। और यह बोले, " यहूदियों के नवजात राजा कहाँ हैं? हमने उनका तारा उदित होते देखा। हम उन्हें दण्डवत् करने आये हैं।" यह सुन कर राजा हेरोद और सारा येरूसालेम घबरा गया। राजा ने सब महायाजकों और यहूदी जाति के शास्त्रियों की सभा बुला कर उन से पूछा, "मसीह कहाँ जन्म लेंगें?" उन्होंने उत्तर दिया, "यहूदिया के बेथलेहेम में, क्योंकि नबी ने इसके विषय में लिखा है- "बेथलेहेम यूदा की भूमि! तू यूदा के प्रमुख नगरों में किसी से कम नहीं है; क्योंकि तुझ में एक नेता उत्पन्न होगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा बनेगा।" हेरोद ने बाद में ज्योतिषियों को चुपके से बुलाया और उन से पूछताछ कर यह पता कर लिया कि वह तारा ठीक किस समय उन्हें दिखाई दिया था। फिर उसने उन्हें बेथलेहेम भेजते हुए कहा, जाइए, बालक का ठीक-ठीक पता लगाइए और उसे पाने पर मुझे खबर दीजिए, जिससे मैं भी जा कर दण्डवत् करूँ। वे राजा की बात मानकर चल दिए। उन्होंने जिस तारे को उदित होते देखा था, वह उनके आगे आगे चलता रहा, और जहाँ बालक था उस जगह के ऊपर पहुँचने पर ठहर गया। वे तारा देख कर बहुत आनन्दित हुए। घर में प्रवेश कर उन्होंने बालक को उसकी माता मरियम के साथ देखा और उसे साष्टांग प्रणाम किया। फिर अपना-अपना सन्दूक खोलकर उन्होंने उसे सोना, लोबान और गंधरस की भेट चढ़ायी। उन्हें स्वप्न में यह चेतावनी मिली के वे हेरोद के पास नहीं लौटें, इसलिए वे दूसरे रास्ते से अपने देश चले गये।

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