इस प्रकार स्टीफन ने प्रेम के द्वारा हर मुसीबत पर विजय पायी। उनके ईश्वर -प्रेम ने अपने खूंखार शत्रुओं के सम्मुख झुकने से उनकी रक्षा की। उनके पडोसी-प्रेम ने उन्हें शक्ति दी कि वह अपने हत्यारों को क्षमा करे और उनके लिए प्रार्थना करें।
स्टीफन की इस सतावत के साथ कलीसिया में सतावत प्रारम्भ हुई। परन्तु इस शहीद के रक्त की एक बून्द भी व्यर्थ नहीं गयी। उनका रक्त कलीसिया के लिए प्रेम और सरगर्मी का प्रेरणा-स्त्रोत बन गया।
माता कलीसिया 26 दिसम्बर को सन्त स्टीफन का पर्व मनाती है।

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