ढाढस रखो! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं।

सन्त मत्ती के अनुसार पवित्र  सुसमाचार
9: 1-8 

ईसा नाव पर बैठ गये और समुद्र पार कर अपने नगर आये। उस समय कुछ लोग खाट पर पडे़ हुए एक अर्ध्दांगरोगी को उनके पास ले आये। उनका विश्वास देखकर ईसा ने अर्ध्दांगरोगी से कहा, "बेटा ढारस रखो! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं।" कुछ शास्त्रियों ने मन में सोचा- यह ईश-निन्दा करता है। उनके ये विचार जान कर ईसा ने कहा, "तुम लोग मन में बुरे विचार क्यों लाते हो ? अधिक सहज क्या है यह कहना, ’तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं अथवा यह कहना, ’उठो और चलो-फिरो’? किन्तु इसलिए कि तुम लोग यह जान लो कि मानव पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार मिला है" - तब वे अर्ध्दांगरोगी से बोले - "उठो और अपनी खाट उठा कर घर जाओ"। और वह उठ कर अपने घर चला गया। यह देखकर लोगों पर भय छा गया और उन्होंने ईश्वर की स्तुति की, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार प्रदान किया था।

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