क्या आपके पास है टी पर्सनालिटी?

हरेक का व्यक्तित्व अलग-अलग होता है। कोई बहुत उदार होता है तो कोई संकुचित, कोई ज्यादा संवेदनशील होता है तो कोई बहुत व्यवहारिक, कुछ लोग अंतर्मुखी होते हैं तो कुछ बहिर्मुखी। लेकिन जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए आपको संतुलित होने की आवशयकता है। इन दिनों संतुलित व्यक्तित्व के लिए 'टी' पर्सनालिटी शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है।

‘टी’ पर्सनालिटी से हमारा तात्पर्य किसी चाय प्रेमी व्यक्तित्व से बिलकुल नहीं है। इसका संबंध है, अंग्रेजी अल्फाबेट के 'टी' अक्षर से। हम हमेशा से कहते आए हैं यह व्यक्ति ऑल राउंड  है। अब कहने का यह ढंग बदल गया है। जब हम कहते हैं किसी की पर्सनालिटी टी है, इसका मतलब उसका ज्ञान होरिजोंटल और वर्टीकल दोनों है। होरिजोंटल  का मतलब होगा अपने क्षेत्र से सम्बंधित जानकारी और वर्टीकल से मतलब होगा उस जानकारी से जुड़ी ज्ञान की गहराई। यानी 21 वीं सदी के व्यक्तित्व को जानकारियों के साथ ज्ञान और विचार की गहराई की भी जरुरत है। बात यहीं समाप्त नहीं होती। ज्ञान एकवचन है या बहुवचन इस पर भी विचार किया जाता है। यानी सिर्फ बौद्धिक सूचकांक ही काफी नहीं, भावात्मक सूचकांक, आध्यात्मिक सूचकांक,भाषा संबंधी कुशलता, तर्क और गणित संबंधी कुशलता, देह भाषा, लोगों से सामंजस्य का चातुर्य आदि चीजें भी जरुरी हैं जोआपका सम्पूर्ण व्यक्तित्व नाती है। और हां, सामाजिकता, नैतिकता और पारिवारिकता इसको भी बिलकुल नहीं भूलना है। आप टी पर्सनालिटी होंगे यदि आप प्रतिभाशाली व्यक्ति होने के साथ ही एक अच्छे और संवेदनशील मनुष्य होंगे।

चार्ल्स सिंगोरिया 

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