ट्रेन में यात्रा कर रही चार नन को बजरंगदल वालो ने जबरन किया परेशान। 

दो नन और दो केंडिडेट नन दिल्ली से ओडिशा के लिए एक ट्रेन से यात्रा कर रही थीं,  ट्रेन जब झांसी स्टेशन पहुंचे वाली थी ,तब बजरंगदल के कुछ लोग उनके कोच में जबरदस्ती घुस आये उनपर जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाया, ट्रेन में हंगामा  कर सांप्रदायिकता के नारे लगाए और सिस्टरों को गाली देने लगे। केंडिडेट नन से उनका आधार कार्ड तथा पेन कार्ड माँगा,आधार कार्ड  दिखाने के बाद भी बजरंगदल वाले नहीं माने और बजरंगदल वालो ने  केंडिडेट नन  से  जबरन के कई सवाल करना शुरू कर दिये  केंडिडेट नन ने उन्हें बताया  की वो एक कैथोलिक है और वह अपनी मर्जी से नन बनना चाहती है, फिर भी रेलवे पुलिस ने उन्हें जबरन झांसी स्टेशन पर उतार दिया और उन्हें अपने मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति तक नहीं दी। पुलिस अधिकारियों ने जाँच में पाया की चारो सिस्टर निर्दोष हैं। तब सभी सिस्टरस को बिशप हॉउस ले जाय गया और अगले दिन उन्हें सिविल ड्रेस में जाना पड़ा। रेलवे  ने उन्हें वीआईपी कोच देने का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें विकलांग कोच के की दो सीटें दी गईं। चार ननों को दो  सीटें साझा करनी पड़ीं।
 

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