मुलाकात की संस्कृति द्वारा, एकता एवं मेल-मिलाप के विश्व का निर्माण। 

संत पिता फ्राँसिस ने अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के लिए यूरोपीय संस्थान के प्रतिनिधियों से मुलाकात की तथा उन्हें विश्व में मुलाकात और शांति की नई एवं रचनात्मक संस्कृति को विकसित करने का प्रोत्साहन दिया।

संत पिता फ्राँसिस ने प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर कहा, "जारी वैश्विक स्वास्थ्य संकट ने पूरे मानव परिवार में मुलाकात की संस्कृति की आवश्यकता पर जोर दिया है तथा सभी स्त्रियों एवं पुरूषों को प्रेरित किया है कि वे दूसरों से मुलाकात करने, सम्पर्क की खोज करने, सेतु का निर्माण करने तथा एक ऐसी योजना बनाने में उत्साहित हों जो सभी को शामिल करता।"   

संत पिता फ्राँसिस ने 12 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के लिए यूरोपीय संस्थान के 13 सदस्यों से मुलाकात की, जो कूटनीति, वैश्विक शासन, सतत विकास और आर्थिक प्रगति में अनुसंधान और शिक्षा का एक केंद्र है।

स्पेन के सलामांका और स्वीडन के स्टॉकहोम, में केंद्रों के साथ संस्थान, एक बेहतर दुनिया बनाने में सकारात्मक कार्यों के लिए नेताओं को तैयार करता है।

प्रतिनिधि मंडल ने संत पिता फ्राँसिस से मुलाकात करते हुए एक किताब भेंट की जिसका शीर्षक है, "मुलाकात की संस्कृति ˸ अंतरराष्ट्रीय संबंध, अंतर-धार्मिक वार्ता और शांति।" यह  स्टॉकहोम में 2019 में हुई सभा के परिणाम को भी दर्शाता है।

संत पिता फ्राँसिस ने प्रतिनिधि मंडल के संचालक स्टॉकहोम के धर्माध्यक्ष कार्डिनल ऐंडर्स अर्बोरेलियुस को इस पहल हेतु स्वीडेन की कलीसिया के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया जिसने हमारे मानव परिवार की एकता की सेवा में विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को प्रोत्साहित किया।   

विश्व के विभिन्न धर्म और मुलाकात की संस्कृति:- दुनिया के विभिन्न धर्मों के लिए अवसरों और चुनौतियों का प्रत्युत्तर देने हेतु  अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के लिए यूरोपीय संस्थान के प्रयासों का स्वागत करते हुए संत पापा ने इसके शिक्षाविदों, राजनयिकों और सहकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया जो मुलाकात की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं।

उन्होंने कहा, "स्वभाविक रूप से, "आपके योगदान को तर्कपूर्ण विश्लेषण और व्यावहारिक एवं संबंधपरक अनुप्रयोगों और परिणामों के लिए उन्मुखीकरण दोनों के आधार पर तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें सबसे गरीब और सबसे अधिक हाशिए के अधिकारों के लिए विशेष चिंता हो।"

उन्होंने कहा, "वैश्विक सार्वजनिक हित पर ध्यान देने तथा किसी को अलग किये बिना या अन्यायपूर्ण भेदभाव रखें बिना हरेक व्यक्ति के समग्र विकास हेतु मन और हृदय दोनों के सामंजस्य की जरूरत है।"

सभी के मानव अधिकार की रक्षा:- संत पिता फ्राँसिस ने जोर दिया कि सभी के अधिकारों की रक्षा करने एवं बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक एवं धार्मिक दोनों नेताओं को इस प्रकार के समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है, क्योंकि मुलाकात की संस्कृति ही है जो अधिक एकजुट एवं मेल-मिलाप के आधार पर स्थापित विश्व प्रदान कर सकती है।  

उन्होंने कहा कि सिर्फ यही संस्कृति, सभी के लिए सतत् न्याय और शांति, साथ ही साथ हमारे आमघर के लिए सच्ची देखभाल की ओर अग्रसर कर सकती है।

अतः संत पिता फ्राँसिस ने प्रतिनिधि मंडल को प्रोत्साहन दिया कि वे समझौता एवं भावी पीढ़ी के कल्याण के लिए मुलाकात की संस्कृति को बढ़ाने हेतु नये और रचनात्मक रास्तों की खोज करें।  

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