धार्मिक नेताओं ने देश को मजबूत बनाने के लिए आपसी प्रेम, सद्भाव पर दिया बल।

नई दिल्ली: देश में आपसी प्रेम, सद्भाव को मजबूत करने के लिए 8 फरवरी को दिल्ली आर्चबिशप हाउस में विभिन्न धर्मों के प्रमुख नेताओं का मिलन समारोह आयोजित किया गया। समारोह का आयोजन पुरोहित के रूप में आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस कॉटो की 40 वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया था।

इस अवसर पर, जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रो मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा- “पिछले साल हमने कोविड -19, एक प्राकृतिक आपदा का सामना किया और इसके टीके को खोजने में सफल रहे। हालांकि, इस वर्ष, देश के लिए एक और बड़ी चुनौती ’घृणा’ का वायरस है, जो हमारे समाज के एक वर्ग द्वारा उत्पन्न की गई थी, जो इतनी आसानी से नहीं जाएगी। हमें, धर्मगुरुओं को, प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। यह घृणा के खतरनाक वायरस के लिए वास्तविक उपाय है।”

इस अवसर पर विश्व धर्म संसद के प्रमुख आचार्य सुशील गोस्वामी, जैन धर्म के आचार्य विवेक मुनि जी, ज्ञानी रणजीत सिंह, प्रमुख ग्रन्थि गुरुद्वारा बंगाली साहिब, जॉन दयाल, रब्बी एज़ेकिल इसहाक मालेकर, जैन धर्म के प्रमुख, स्वामी शान्ति रामकृष्ण मिशन के आत्मानंद, संत रविदास आश्रम से संत वीर सिंह हितकारी, एसी माइकल, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य फादर फेलिक्स जॉन और नावेद हामिद, अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मुशावरत आदि उपस्थित थे।

नेताओं ने आर्चबिशप को बधाई दी और समाज में आपसी प्रेम और सद्भाव को मजबूत करने के लिए धार्मिक नेताओं की भूमिका पर चर्चा की। नेताओं ने नैतिक मूल्यों को विकसित करने के लिए समाज में एक साथ काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और देश की शांति, न्याय, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

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