हम तभी फल ला सकते हैं जब येसु से संयुक्त हों, पोप फ्रांसिस!

ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह के समापन पर संत पिता फ्राँसिस ने 25 जनवरी को "अनिवार्य एकता" पर चिंतन किया, जो येसु से संयुक्ति के द्वारा आती है। संत पिता के उपदेश को कार्डिनल कूर्ट कोच ने पढ़कर सुनाया।

सोमवार को संत पौलुस के मन-परिवर्तन पर्व दिवस एवं ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह के समापन के अवसर पर, विभिन्न कलीसियाओं के प्रतिनिधियों ने संध्या प्रार्थना में भाग लिया।

परम्परा के अनुसार यह वार्षिक प्रार्थना सभा, रोम के संत पौल महागिरजाघर में सोमवार को सम्पन्न हुआ, जहाँ महान संत पौलुस को दफनाया गया है। संत पिता फ्राँसिस हर साल इस धर्मविधि का संचालन करते हैं जबकि इस बार शियाटिका से पीड़ित होने के कारण भाग नहीं ले पाये। उनके स्थान पर ख्रीस्तीय एकता को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल कूर्ट कोच ने विभिन्न ख्रीस्तीय कलीसियाओं के धर्मगुरूओं एवं कलीसियाई समुदाय के साथ प्रार्थना में भाग लिया। शारीरिक रूप से प्रार्थना में अनुपस्थित होने पर भी संत पिता फ्राँसिस उपदेश के द्वारा मन एवं वचन से उपस्थित हुए, जिसको कार्डिनल कोच ने प्रस्तुत किया। अपने प्रवचन में संत पिता ने संत योहन रचित सुसमाचार पाठ में येसु के कथन पर चिंतन किया, "तुम मुझ में रहो।" यह इस साल की ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह की विषयवस्तु थी।

दाखलता एवं डालियों की छवि से शुरू करते हुए संत पिता ने जोर दिया है कि "हम तभी बढ़ सकते एवं फल ला सकते हैं जब हम येसु से संयुक्त हों।"   

संत पिता ने इस अनिवार्य एकता को तीन स्तर का बतलाया। पहले स्तर की एकता येसु के साथ संयुक्ति है "जो एकता की ओर बढ़ने हेतु हरेक व्यक्ति के लिए शुरूआती विन्दु है। येसु के साथ संयुक्ति की शुरूआत प्रार्थना से होती है। जो उनके प्रेम को महसूस कराती है। हमारी व्यक्तिगत निष्ठा को हम येसु के साथ संयुक्ति द्वारा कृपा से प्राप्त कर सकते हैं।"

ख्रीस्तियों के बीच एकता दूसरा स्तर है। संत पिता ने कहा, "हम सभी एक ही दाखलता की डालियाँ हैं" क्योंकि एक व्यक्ति कुछ भी करता है वह सबको प्रभावित करता है। यहाँ भी प्रार्थना आवश्यक है जो हमें एक-दूसरे को प्रेम करने के लिए प्रेरित करता है। संत पिता ने स्वीकार किया कि यह आसान नहीं है इसलिए हमें ईश्वर से मांगना है कि वे दूसरों के प्रति हमारे पूर्वाग्रह एवं दुनियावी आसक्तियों को छांट दें जो उनके सभी बच्चों के बीच आपसी एकता में बाधक हैं।  

तीसरा स्तर है समस्त मानवता के बीच एकता। संत पिता ने कहा कि यहाँ हम पवित्र आत्मा के कार्य पर चिंतन कर सकते हैं। पवित्र आत्मा हमें न केवल उनको प्यार करने के लिए प्रेरित करता है जो हमें प्यार करते, बल्कि सभी लोगों को। येसु ने भी यही शिक्षा दी है। भले समारी की तरह हम सभी लोगों के पड़ोसी बनने के लिए बुलाये गये हैं। उन लोगों को भी प्यार करने के लिए जो हमें बदले में प्यार नहीं कर सकते।

दूसरों की सहायता करने के लिए एक साथ आना हमें याद दिलाता है कि हम सभी भाई और बहन हैं एवं एकता में बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। उसी तरह पवित्र आत्मा हमें प्रेरित करता है कि हम आमघर की देखभाल करें और साहसिक कदम उठायें।

संत पिता ने अपने उपदेश के अंत में कहा है कि पवित्र आत्मा ही ख्रीस्तीय एकता यात्रा का संचालन करनेवाला है जो संत पौल महागिरजाघर में ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना के लिए प्रेरित करता है।

संत पिता ने उन सभी लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट किया है जिन्होंने इस सप्ताह ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कलीसियाओं के प्रतिनिधियों एवं विभिन्न कलीसियाई समुदायों को समारोह में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया, चाहे उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया अथवा महामारी के कारण वर्चुवल रूप में भाग लिया।  

अंत में संत पिता ने कहा, "प्यारे भाइयो एवं बहनो, हम ख्रीस्त से संयुक्त रहें। पवित्र आत्मा हमारे हृदयों को भर दे ताकि हम महसूस कर सकें कि हम पिता के बच्चे हैं और एक-दूसरे के भाई और बहन हैं, पूरे मानव परिवार में एक-दूसरे के भाई बहन हैं।  पवित्र त्रृत्व, प्रेम की एकता, हमें एकता में बढ़ाये।"

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