संत पिता फ्राँसिस द्वारा राष्ट्रों से परमाणु हथियारों के निषेध हेतु अपील।

संत पिता फ्राँसिस ने विश्व के सभी देशों और लोगों से परमाणु हथियार रहित दुनिया के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करने हेतु प्रोत्साहित किया।

संत पिता फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन के दौरान विश्व के सभी राजनायिकों से परमाणु हथियार रहित दुनिया के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करने हेतु प्रोत्साहित किया।

संत पिता ने इताली भाषा बोलने वाले विश्वासियों का अभिवादन कर कहा,ʺपरसों, शुक्रवार 22 जनवरी को, परमाणु हथियारों के निषेध के लिए संधि लागू होगी। यह पहला कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय साधन है जो इन उपकरणों और हथियारों को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है।

विनाशकारी प्रभाव:- संत पिता ने परमाणु हथियार के विनाशकारी प्रभाव की ओर लोगों का ध्यान दिलाते हुए कहा कि परमाणु हथियार के उपयोग का अंधाधुंध विवेकहीन प्रभाव पड़ता है। यह थोड़े समय में बड़ी संख्या में लोगों को बुरी तरह से प्रभावित करता है और पर्यावरण को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाता है। मैं सभी देशों और सभी लोगों को परमाणु हथियारों के बिना दुनिया के लिए आवश्यक परिस्थितियों को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ काम करने हेतु प्रोत्साहित करता हूँ, जो शांति और बहुपक्षीय सहयोग की उन्नति में योगदान देता है, जिसकी मानवता को आज बहुत आवश्यकता है।ʺ

वाटिकन अनुसमर्थन:- वाटिकन परमाणु हथियार प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर करने और उसकी पुष्टि करने वाला पहला राज्य बन गया।

वाटिकन राज्य के विदेश सचिव महाधर्माधअयक्ष पॉल रिचर्ड गलाघेर ने  संधि में हस्ताक्षर के लिए खुले पहले दिन 20 सितंबर 2017 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हस्ताक्षर किया। यह अक्टूबर 2020 के अंत में आवश्यक 50 हस्ताक्षरों तक पहुँच गया और 22 जनवरी 2021 को लागू होगा।

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