विश्व टीबी दिवस पर रोगियों के लिए पोप फ्राँसिस की प्रार्थना।

पोप फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन के दौरान टीबी मरीजों को याद कर उनके लिए प्रार्थना की। पोप फ्राँसिस ने कहा, ʺआज तपेदिक के खिलाफ लड़ाई का विश्व दिवस है। यह वर्षगांठ इस बीमारी के उपचार में नए सिरे से आवेग और इससे पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता बढ़ाती है। मैं इस बीमारी से पीड़ित मरीजों और उनके परिवारों के ऊपर, प्रभु की सांत्वना का आह्वान करता हूँ।ʺ
हर साल 24 मार्च को विश्व तपेदिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में टीबी के विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है और वैश्विक टीबी महामारी को समाप्त करने के प्रयासों को ओर बेहतर ढंग से आगे बढ़ाना है। वर्ष 1882 में इस दिन डॉ. रॉबर्ट कोच ने टीबी का कारण बनने वाले जीवाणु की खोज की थी।
टीबी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक में से एक है, जिससे काफी लोगों की मौत हो जाती है। हर दिन लगभग 4000 लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं। करीब 28,000 लोग बीमार पड़ते हैं, इस रोकथाम और इलाज योग्य बीमारी के साथ। वर्ष 2000 से टीबी से निपटने के वैश्विक प्रयासों ने अनुमानित 63 मिलियन लोगों की जान बचाई है।
विश्व तपेदिक दिवस 2021 की थीम है— “घड़ी चल रही है” इसका तात्पर्य है कि वैश्विक नेताओं द्वारा किए गए टीबी को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धताओं पर कार्य करने के लिए दुनिया समय से बाहर चल रही है।
यह कोविड-19 महामारी के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिसने एंड टीबी प्रगति को खतरे में डाल दिया है, और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्राप्त करने की दिशा में डब्ल्यूएचओ के अभियान के अनुरूप रोकथाम और देखभाल के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करना है।

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