प्रभु का क्रूस आशा की निशानी, पोप फ्रांसिस। 

पोप फ्राँसिस ने ट्वीटकर विश्वासियों को आशा की निशानी, प्रभु के क्रूस पर चिंतन करने हेतु प्रेरित किया।
काथलिक कलीसिया पवित्र सप्ताह में प्रभु येसु के दुखभोग मृत्यु और पास्का रहस्य पर चिंतन करते हुए उसे जीने का प्रयास करती है। बुधवारीय आमदर्शन के दौरान पोप फ्राँसिस ने ख्रीस्त के क्रूस पर चिंतन करते हुए धर्मशिक्षा दी। इसी के मद्देनजर पोप फ्राँसिस ने दो ट्वीट किया।

संदेश में पोप फ्राँसिस ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ʺख्रीस्त का क्रूस एक प्रकाश स्तंभ की तरह है जो तूफानी समुद्र में जहाजों को अभी भी बंदरगाह को इंगित करता है। यह आशा की निशानी है जो निराश नहीं करता है और हमें बताता है कि ईश्वर की मुक्ति योजना में एक आंसू भी, एक कराह भी बेकार नहीं जाता है।ʺ

दूसरे ट्वीट में पोप फ्राँसिस ने लिखा, ʺहृदयपरिवर्तन की प्रक्रिया हमेशा क्रूस को पार करती है। त्याग और आध्यात्मिक लड़ाई के बिना कोई पवित्रता नहीं है।ʺ 

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