पोप फ्रांसिस स्लोवाकिया से विदा होकर सकुशल रोम लौटे। 

संत पिता फ्रांसिस अपनी 34वीं प्रेरितिक यात्रा सफलता पूर्वक समाप्त कर, स्लोवाकिया से वाटिकन लौटे।
संत पिता फ्रांसिस अपनी 34वीं प्रेरितिक यात्रा की शुरूआत हंगरी के बुडापेस्ट से करते हुए 52वें अंतरराष्ट्रीय यूखरीस्तीय सम्मेलन के समापन समारोह में भाग लेने के बाद, स्लोवाकिया रवाना हुए थे, जहाँ उन्होंने ब्रातिस्लावा, शसतिन, प्रेशव और कोशिचे आदि शहरों का भ्रमण किया।   
संत पिता फ्रांसिस ने शसतिन स्थित मरियम तीर्थस्थल पर समारोही ख्रीस्तयाग के साथ स्लोवाकिया में अपनी प्रेरितिक यात्रा का समापन किया, जहाँ उन्होंने विश्वासियों से कहा, "अब समय आ गया है कि मैं आपके देश से विदा लूँ। इस मिस्सा बलिदान में मैंने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि उन्होंने मुझे आपके बीच आने का मौका दिया तथा मेरी तीर्थयात्रा, आपकी संरक्षिका, दुःखों की कुँवारी मरियम के महान धार्मिक और राष्ट्रीय पर्व के साथ समाप्त हुई।
संत पिता फ्रांसिस ने स्लोवाकिया के धर्माध्यक्षों को उनकी अच्छी तैयारी एवं स्वागत के लिए सहृदय धन्यवाद दिया, साथ ही साथ, राष्ट्रपति एवं सभी नागरिक अधिकारियों के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
संत पिता फ्रांसिस ने कहा, "मैं आप सभी को अपने हृदय में रखता हूँ। सभी को धन्यवाद।"
मिस्सा के तुरन्त बाद वे ब्रातिस्लावा के अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल गये जहाँ विदाई समारोह सम्पन्न हुआ। विदाई समारोह में सभी अधिकारियों से अंतिम मुलाकात करने के बाद वे करीब 1.45 बजे ब्रातिस्लावा के हवाई अड्डे से रोम के लिए प्रस्थान किये। अल इतालिया विमान से लगभग 1.45 घंटे की यात्रा के बाद संत पापा दोपहर 3.30 बजे रोम के चम्पिनो हवाई अड्डा पहुँचे। तत्पश्चात् अपनी आदत के अनुसार रोम की संरक्षिका माता मरियम को प्रेरितिक यात्रा की सफलता हेतु अपना आभार प्रकट करने के बाद वे वाटिकन लौटे।

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