पोप फ्रांसिस ने अफगानिस्तान तथा हैती के लोगों के लिए प्रार्थना की। 

माता मरियम के स्वर्गोदग्रहण महापर्व के अवसर पर देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने अफगानिस्तान में शांति एवं हैती में भुकम्प पीड़ितों के लिए प्रार्थना की तथा विश्व समुदाय से एकात्मता का आह्वान किया।
देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप फ्रांसिस ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने उसके लिए प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, "मैं आप सभी को अपने साथ ईश्वर से शांति के लिए प्रार्थना करने का आग्रह करता हूँ ताकि हथियारों का कोलाहल खत्म हो और वार्ता की मेज पर समाधान मिल सके। केवल इस तरह इस कुचले देश की जनता – पुरूष, स्त्री, बुजुर्ग और बच्चे अपने घर लौट सकते हैं तथा शांति एवं सुरक्षा से पूर्ण आपसी सम्मान में जी सकते हैं।"  
उसके बाद पोप फ्रांसिस ने हैती में भुकम्प से हुई क्षति की याद करते हुए कहा, "मैं अपना सामीप्य उन प्रिय लोगों के लिए व्यक्त करना चाहता हूँ जो भुकम्प से पीड़ित हैं। पीड़ितों के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हुए बचे हुए लोगों को प्रोत्साहन देता हूँ यह उम्मीद करते हुए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान उनकी ओर जाए। सभी की एकजुटता त्रासदी के परिणामों को कम करे। उन्होंने उनके लिए प्रणाम मरियम का पाठ किया।"
तत्पश्चात् पोप फ्रांसिस ने विभिन्न देशों के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का अभिवादन किया। उन्होंने अवकाश में विभिन्न स्थलों का भ्रमण करनेवालों को सम्बोधित करते हुए कहा, "मैं उन्हें शांति और शांतचित्तता की शुभकामनाएँ देता हूँ। हालांकि, मैं उन लोगों को नहीं भूल सकता जो छुट्टी पर नहीं जा सकते, जो समुदाय की सेवा में बने रहते और वे भी जो वंचित परिस्थितियों में हैं, तेज गर्मी और छुट्टियों के लिए कुछ सेवाओं के बंद होने से परेशान हैं। मैं विशेषकर, बीमार, बुजूर्ग, कैदी, बेरोजगार, शरणार्थी और उन सभी लोगों की याद करता हूँ जो अकेले हैं अथवा कठिनाई में हैं। माता मरियम प्रत्येक को अपनी मातृ सुरक्षा प्रदान करे।

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