पोप ने अफगानी शरणार्थियों के स्वागत एवं सुरक्षा की अपील की। 

संत पिता ने अफगानी शरणार्थियों के लिए प्रार्थना करते हुए कहा, "इस उत्तेजक घड़ी में जब अफगानी लोग शरण की खोज कर रहे हैं, मैं उनमें से सबसे कमजोर लोगों के लिए प्रार्थना करता हूँ। मैं याचना करता हूँ कि अनेक देश उन सभी लोगों का स्वागत और उनकी रक्षा करेंगे जो नये जीवन की खोज कर रहे हैं। मैं आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए भी प्रार्थना करता हूँ। ताकि वे आवश्यक सहायता एवं सुरक्षा प्राप्त कर सकें। युवा अफगानी शिक्षा पा सकें...अपने देश एवं मेजबान देशों में वे अपने पड़ोसियों के साथ प्रतिष्ठा, शांति और भाईचारा के साथ जी सकें।"
उसके बाद संत पिता ने धन्य मामेरतो एसक्विव की याद दिलाते हुए कहा, "कल, अर्जेंटीना के कतामारका में फ्रायर माईनर और कोरदोबा के धर्माध्यक्ष की धन्य घोषणा की गई।" वे काथलिक समुदाय और समाज की उन्नति के लिए ईशवचन के एक उत्साही संदेशवाहक थे। उनका आदर्श हमें प्रार्थना एवं प्रेरिताई को हमेशा एक साथ लाने एवं शांति तथा भाईचारा की सेवा करने में मदद दे। संत पिता ने ताली बजाकर नये धन्य को सम्मानित किया।
संत पिता ने अमरीका के लोगों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की जो हाल के दिनों में तेज तूफान से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, "प्रभु मृतकों की आत्मा को अनन्त शांति प्रदान करे एवं उन लोगों को सहारा प्रदान करे जो इस आपदा से पीड़ित हैं।"
तब संत पिता ने यहूदियों के नये वर्ष, रोश हासनाह, उसके बाद योम किप्पुर और सुक्कोतो पार्टी की याद दिलायी। उन्होंने इसके लिए सभी यहूदी भाईबहनों को शुभकामनाएँ दीं।
संत पिता अगले रविवार अपने प्रेरितिक यात्रा पर बुड्ढापेस्ट जा रहे हैं। अपनी यात्रा की सफलता हेतु प्रार्थना का आग्रह करते हुए संत पापा ने कहा, "अगले रविवार, मैं बुड्ढापेस्ट जा रहा हूँ जहाँ अंतरराष्ट्रीय यूखरीतीय कॉन्ग्रेस का समापन है। मेरी तीर्थयात्रा पवित्र मिस्सा के बाद कुछ दिनों के लिए स्लोवाकिया की ओर बढ़ेगी और अगले बुधवार को देश की संरक्षिका दुःखों की कुँवारी के पर्व के साथ समाप्त होगी। इन दिनों को यूरोप के हृदय में आराधना एवं प्रार्थना के साथ मनाया जाएगा। उन लोगों का अभिवादन करते हुए जिन्होंने इस यात्रा का आयोजन किया है मैं आपको तथा जो मेरा इंतजार कर रहे हैं उनको धन्यवाद देता हूँ जिनसे मैं खुद मुलाकात करना चाहता हूँ। संत पापा ने वहाँ के सुसमाचार के साहसी गवाहों की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना की कि वे आज भी साक्ष्य देने के लिए यूरोप की मदद करें, प्रभु जो हमें प्यार करते हैं एवं जिन्होंने हमें बचाया है उनकी घोषणा हम केवल शब्दों से नहीं बल्कि कार्यों से, करुणा और स्वीकृति के कार्यों से कर सकें।

 कलकत्ता की संत तेरेसा 
उसके बाद, संत पिता ने सभी रोमवासियों एवं तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। उन्होंने कलकत्ता की संत तेरेसा के पर्व दिवस की याद करते हुए उनके सम्मान में ताली बजायी तथा मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनों का अभिवादन किया। उन्होंने उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया। अंत में, उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।   

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