नफरत, हिंसा, उग्रवाद उकसाने के लिए धर्मों का उपयोग बंद करें, पोप फ्रांसिस।

"जौ प्यार करता है, वह ईश्वर की सन्तान है और ईश्वर को जानता है। जो प्यार नहीं करता, वह ईश्वर को नहीं जानता; क्येोंकि ईश्वर प्रेम है। ईश्वर हम को प्यार करता है। यह इस से प्रकट हुआ है कि ईश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को संसार में भेजा, जिससे हम उसके द्वारा जीवन प्राप्त करें। ईश्वर के प्रेम की पहचान इस में है कि पहले हमने ईश्वर को नहीं, बल्कि ईश्वर ने हम को प्यार किया और हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए अपने पुत्र को भेजा।" (1 योहन 4:8,10)
ईश्वर के प्रेम और मानव भ्रातृत्व पर जोर देते हुए पोप फ्रांसिस ने ईश्वर और धर्म के नाम पर लोगों पर अत्याचार न करने की पुकार लगाई। पोप फ्रांसिस ने शनिवार 22 अगस्त को दो ट्वीट कर सभी लोगों से ईश्वर के असीम प्यार के बारे बताते हुए ईश्वर और धर्म के नाम पर लोगों पर अत्याचार करने हेतु आह्वान किया।

पहले ट्वीट संदेश में पोप ने लिखा, ʺईश्वर को किसी के बचाव की आवश्यकता नहीं है और वह नहीं चाहता कि उसका नाम लोगों को आतंकित करने के लिए इस्तेमाल किया जाए। मैं हर किसी से नफरत, हिंसा, उग्रवाद और अंध कट्टरता को उकसाने के लिए धर्मों का उपयोग बंद करने के का आह्वान करता हूँ।ʺ

पोप फ्रांसिस ने दूसरे ट्वीट में मानव के प्रति ईश्वर के बेईतहा प्यार के बारे में बताते हुए लिखा, ʺईश्वर आपसे इसलिए प्यार नहीं करता क्योंकि आप अच्छा व्यवहार करते हैं, वो आपसे प्यार करता है। उसके प्यार में कोई शर्त नहीं है,  उसका प्यार करना आप पर निर्भर नहीं करता है।ʺ

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