*सबसे बड़ा योद्धा "माँ" होती है।*

माँ अपने बच्चों के साथ माँ अपने बच्चों के साथ

कहते है माँ बच्चे का सुरक्षा कवच होती है। जो बच्चों को हर प्रकार के खतरों एवं जोखिमों से सदा बचाये रखती है। माँ अपने बच्चे को 09 महीने अपने पेट मे, 03 साल अपनी गोद में एवं ज़िन्दगी भर अपने हृदय में रखती है। माँ सिर्फ माँ होती है। वह किसी भी परिस्थिति में अपने बच्चे को कभी नही भुलाती है। माँ के इसी अपार प्रेम के लिए माँ को शत-शत नमन!
आजकल सोशल मीडिया पर प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के वीडियो बहुत वायरल हो रहे है। कुछ वीडियोस के बीच में मैंने ऐसे वीडियोस भी देखे जिसने मेरी आत्मा को अंदर तक झकझोर के रख दिया और प्रत्येक माँ के प्रति मेरे विचार को सातवें आसमान के पार ले गया। पहले वीडियो में एक महिला अपने दो बच्चों को एक को अपने कंधे पर रखकर एवं एक को अपनी गोद में रखकर पैदल ही अपने घर को जा रही है। मैंने उस माँ के चेहरे पर एक मुस्कान देखी। वह मुस्कान हम सभी को आइना दिखा रही है। हम सभी को शर्मसार करने के लिए उसकी मुस्कान काफी है। कितनी पीड़ा झेलकर वह माँ अपने बच्चों को लिए अपने माँ होने का फर्ज बखूबी निभा रही है।
दूसरी माँ के वीडियो में एक माँ अपनी गोद में अपने बच्चे को एवं एक हाथ में अपना सामान लिए पैदल ही अपने घर की ओर जा रही है। यह दिल दहला देने वाली वीडियो माँ के संघर्ष को बखूबी बयाँ कर रही है।
एक और वीडियो में एक माँ अपनी गोद में अपने चार महीने के बच्चे की लाश लिए पैदल अपने घर को जा रही है। यह हृदय विदारक तस्वीर हृदय को छलनी कर देती है।
एक अन्य वीडियो में एक सात महीने की गर्भवती महिला पैदल अपने सफर पर निकल चुकी है। ऐसी कई पिक्चर्स एवं वीडियोस है जो माँ के समर्पण, संघर्ष एवं माँ के दर्द को बखूबी बयाँ कर रहे है।
एक माँ अपने बच्चे को कभी नही भूलती है। चाहे कैसी भी परिस्थिति क्यो ना हो। बच्चा चाहे सपूत हो या कपूत, माँ के लिए वह तो हमेशा आंखों का तारा ही होता है। इस दुनिया में माँ के त्याग एवं प्रेम का अंदाज़ा लगाना असंभव है। इन वीडियो से एक बात मेरे ज़ेहन में घर कर गयी कि माँ से बड़ा योद्धा इस दुनिया में कोई नही है। उसके त्याग, संघर्षों, एवं पीड़ाओं की गणना करना रेत के कणों को गिनने के बराबर है।
किसी ने सच ही कहा है कि इस दुनिया में सबसे बड़ा योद्धा एक माँ होती है। जो अपने बच्चे को अपने खून से सिंचित करती है। हमारे जन्म से लेकर उसके अंतिम क्षणों तक वह हमारा एक छोटे बच्चे की तरह खासा ख़्याल रखती है। माँ के उपकारों की गिनती करना असंभव हैं।
इस लॉकड़ाउन में हम सभी अपने अपने घरों में बैठकर टाइम पास कर रहे है। लोगों को काम धन्धो से कुछ समय के लिए मुक्ति मिल गयी है। मगर एक व्यक्ति है जिसको इस लॉकडाउन में भी किसी प्रकार की कोई छुट्टी नही मिली है बल्कि इस लॉकडाउन में उनका काम और ज्यादा बढ़ गया है। और वो है माँ! हमारे लिए भोजन से लेकर हर चीज़ का प्रबंध करती है माँ। बिना आराम किये सुबह से लेकर रात तक बिना किसी शिकायत के सिर्फ हमारे लिए काम करती रहती है।
अनेकों जिम्मेदारियां होने के बावजूद भी माँ बिना रुके एवं थके अपना कार्य करती है। बीमार होने के बावजूद भी वह हमें इस बात का अहसाह होने नही देती है। माँ एकमात्र ऐसी इंसान है जिसका काम किसी समय का मोहताज नही होता। इसलिए किसी ने बिल्कुल ठीक ही कहा है कि भगवान हर जगह उपस्थित नही हो सकते इसलिए उन्होंने माँ की सृष्टि की।
माँ कभी भी अपने अंश को अपने से दूर नही होने देना चाहती है। कोई भी माता अपने बच्चों को लेकर एक सर्वश्रेष्ठ योद्धा होती है। अपने बच्चों के पालन पोषण का सम्पूर्ण दायित्व वो अपने कंधों पर ले लेती है। एवं अपने बच्चों के लिए वह हर खतरे का सामना कर सकती है।
आज जब हम मातृ दिवस मना रहे है तो मैं आप लोगों ने सिर्फ एक ही बात कहना चाहूंगा कि माँ को धन्यवाद देने के लिए सिर्फ एक दिन काफी नही है इसके लिए तो पूरी ज़िंदगी भी कम पड़ जाए। माँ के प्रति अपने प्रेम को सिर्फ एक ही दिन में ना समेटे।सिर्फ एक दिन माँ को स्पेशल महसूस करवाकर या गिफ्ट देकर या काम में उनका हाथ बटाकर हम माँ के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त नही हो सकते। किस्मत वाले होते है वे लोग जिनके पास माँ होती है। क्योंकि माँ के बिना इस दुनिया मे सबकुछ अधूरा अधूरा ही है। इसलिए आप सभी से यह अपिलभै कि माँ का दिल कभी ना दुखाइये। क्योंकि घर अगर घर है तो सिर्फ माँ की वजह से।

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