प्रतियोगिता

ईश्वर ने मानव की रचना नर एवं नारी के रूप में की है। जितने अधिकार नर के पास है उतने ही अधिकार नारी के पास भी है।

मगर आज के इस दौर में भेदभाव के चलते नारी को पुरुष से काम आँका जाता है।

मगर नारी भी वह सारे काम कर सकती है जो एक पुरुष कर सकता है।

हमें बस आवश्यकता है तो सिर्फ उन्हें मौका देने की। उनके पास भी बहुत सारी प्रतिभाएं है जिनसे वे न सिर्फ घर समाज बल्कि देश को भी अपनी प्रतिभाओं से नयी उचाईयों तक ले जा सकती है, एवं नए नए शिखर को छू सकती है।

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