सन्त योहन के अनुसार सुसमाचार 1:45-51
उस समय ईसा ने जनसमूह तथा अपने शिष्यों से कहा,
जब फरीसियों ने यह सुना कि ईसा ने सदूकियों का मुँह बन्द कर दिया था, तो वे इकट्ठे हो गये।
ईसा उन्हें फिर दृष्टान्त सुनाने लगे। उन्होंने कहा,