पदाधिकारी का पुत्र

सन्त योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार
04:43-54 

उन दो दिनों के बाद वह वहाँ से विदा हो कर गलीलिया गये। ईसा ने स्वयं यह कहा था कि अपने देश में नबी का आदर नहीं होता। जब वह गलीलिया पहुँचे, तो लोगों ने उनका स्वागत किया; क्योंकि ईसा ने पर्व के दिनों येरूसालेम में जो कुछ किया था, वह सब उन्होंने देखा था। पर्व के लिए वे भी वहाँ गये थे। वे फिर गलीलिया के काना नगर आये, जहाँ उन्होंने पानी को अंगूरी बना दिया था। कफरनाहूम में राज्य के किसी पदाधिकारी का पुत्र बीमार था। जब उस पदाधिकारी ने सुना कि ईसा यहूदिया से गलीलिया आ गये हैं, तो वह उनके पास आया। उसने उन से यह प्रार्थना की कि वह चल कर उसके पुत्र को चंगा कर दें, क्यांकि वह मरने-मरने को था। ईसा ने उस से कहा, "आप लोग चिह्न तथा चमत्कार देखे बिना विश्वास नहीं करेंगे"। इस पर पदाधिकारी ने उन से कहा, "महोदय! कृपया चलिए, कहीं मेरा बच्चा न मर जाये"। ईसा ने उत्तर दिया, "जाइए, आपका पुत्र अच्छा हो गया है"। वह मनुष्य ईसा के वचन पर विश्वास कर चला गया। वह रास्ते में ही था कि उसके नौकर मिल गये और उस से बोले, "आपका पुत्र अच्छा हो गया है"। उसने उन से पूछा कि वह किस समय अच्छा होने लगा था। उन्होंने कहा कि कल दिन के एक बजे उसका बुख़ार उतर गया। तब पिता समझ गया कि ठीक उसी समय ईसा ने उस से कहा था, ‘आपका पुत्र अच्छा हो गया है’ और उसने अपने सारे परिवार के साथ विश्वास किया। यह ईसा का दूसरा चमत्कार था, जो उन्होंने यहूदिया से गलीलिया आने के बाद दिखाया।

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