जो तुम्हारे विरुद्ध नहीं है, वह तुम्हारे साथ हैं।

सन्त लूकस के अनुसार पवित्र सुसमाचार

09:46-50

शिष्यों में यह विवाद छिड़ गया कि हम में सब से बड़ा कौन है।

ईसा ने उनके विचार जान कर एक बालक को बुलाया और उसे अपने पास खड़ा कर

उन से कहा, "जो मेरे नाम पर इस बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है; क्योंकि तुम सब में जो छोटा है, वही बड़ा है।"

योहन ने कहा, “गुरूवर! हमने किसी को आपका नाम ले कर अपदूतों को निकालते देखा है और हमने उसे रोकने की चेष्टा की, क्योंकि वह हमारी तरह आपका अनुसरण नहीं करता“।

ईसा ने कहा, “उसे मत रोको। जो तुम्हारे विरुद्ध नहीं है, वह तुम्हारे साथ हैं।“

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