अविश्वासी नाज़रेत

सन्त मारकुस के अनुसार पवित्र सुसमाचार

06:01-06

वहाँ से विदा हो कर ईसा अपने शिष्यों के साथ अपने नगर आये।
जब विश्राम-दिवस आया, तो वे सभागृह में शिक्षा देने लगे। बहुत-से लोग सुन रहे थे और अचम्भे में पड़ कर कहते थे, "यह सब इसे कहाँ से मिला? यह कौन-सा ज्ञान है, जो इसे दिया गया है? यह जो महान् चमत्कार दिखाता है, वे क्या हैं?
क्या यह वही बढ़ई नहीं है- मरियम का बेटा, याकूब, यूसुफ़़, यूदस और सिमोन का भाई? क्या इसकी बहनें हमारे ही बीच नहीं रहती?" और वे ईसा में विश्वास नहीं कर सके।
ईसा ने उन से कहा, "अपने नगर, अपने कुटुम्ब और अपने घर में नबी का आदर नहीं होता’।
वे वहाँ कोई चमत्कार नहीं कर सके। उन्होंने केवल थोड़े-से रोगियों पर हाथ रख कर उन्हें अच्छा किया।
उन लोगों के अविश्वास पर ईसा को बड़ा आश्चर्य हुआ।

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