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कुहरा या कोहरा
वायुमंडल की निचली परत विद्यमान छोटी-छोटी जल कि बुँदो , धुँआ अथवा धुलिकण की सघन राशि जिससे उपस्थित होती है | मौसम विज्ञान में सामान्यत: उस अदृश्यता को कुहरा माना जाता है जिसमे एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित वस्तु दृष्टिगोचार नहीं होती है | भुपृष्ट के ऊपर वायुमंडल के निम्नतर परत मे वायु के ओसांक से निचे तक शीतल हो जाने पर वायु में विद्यमान जलवाष्प के संघनन से सामान्यतः कुहरा उत्पन्न होता है | इसके लिए पवन का अति मंद होना तथा रात में स्वच्छ आकाश का होना आवश्यक दशाएँ होती हैं |
समान्यतः कुहरा की सर्वाधिक सघनता सूर्योदय के पश्चात् होती है और यह दोपहर तक या इसके पहले ही बिखर जाता है किन्तु शीत ऋतु में यह कई दिनों तक उपस्थित रह सकता है | शीतल सतह के ऊपर आर्द्र वायु के प्रवाह से अथवा किसी आर्द्र वायुराशि में अपेक्षाकृत शीतल वायु राशि के मिलने पर भी कुहरा उत्पन्न हो सकता है | स्थलीय कुहरा मुख्यतः शीत तथा शरद ऋतु में और सागरीय कुहरा मुख्यतः ग्रीष्म और बसंत ऋतु में उत्पन्न होते है | सागरीय कुहरा अभिवहन कुहरा (advenction fog) का एक प्रकार है | जो अधिकांशतः ठंडी महासागरीय धाराओं के क्षेत्र में पाया जाता है | कुहरे की मोटाई में अत्यधिक भिन्नता मिलती है किन्तु यह प्राय: 300 मीटर के कम होती है |
धूम्र कुहरा मुख्यतः धुम्र कणों की उपस्थिति के कारण उत्पन्न होता है जिसमे अदृश्यता कम होती है | यह ओद्योगिक क्षेत्रो में कारखानों तथा आवासीय क्षेत्रो में घरेलु चिमनियो से निकलने वाले धुंए के कारण होता है | इन क्षेत्रो में धुआं तथा जल बिन्दुओ के मिश्रण से भी घटिया प्रकार के कुहरा का उद्भव होता है | मरुस्थलीय प्रदेशों में धूलिकणों की उपस्थिति से धूलि कुहरा (dust fog) उत्पन्न होता है |
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