सभी आत्माओं का दिन | धर्मोपदेश | फादर संजय कुजूर

क्या आप लोग इस संसार में केवल आशा करते है ? मर जाने के बाद दूसरी जिन्दगी के बारे में क्या सोचते हैं? पुराने ग्रंथ (योब 19: 25-27) में हमें जीवन के बाद के जीवन के बारे में एक महान साक्ष्य मिलता हैं | जहाँ दुःख संकट और विपत्ति से घिरे जीवन में योब के अटल विश्वास को दर्शाया गया है | आज के सुसमाचार में उसी विश्वास की याद दिलाते हुए कहता है: जो मर कर भी अमर है, यानी हमारे प्रभु येसु मर कर जी उठे हैं, वे अपने नश्वर शरीर को नष्ट कर के पुनर्जीवित हुए, क्या हम सब उस पुनर्जीवित मसीह के साथ महिमान्वित होना चाहते हैं? जो उस पुनरुत्थान में विश्वास करता है, वह मर कर भी अमर रहेगा, और पुनर्जीवित होकर अनन्त जीवन पायेगा| वही येसु मसीह आज विभिन्न रूपों में होते हैं जैसे ईश्वर के मधुर वचनों द्वारा, रोटी और दाखरस के रूप में, तो कभी काथलिक कलीसिया के रूप में तो कभी अपने ही शरीर और लहू के रूप में, इसीलिए योहन 6:35 में येसु कहते हैं मैं जीवन की रोटी हूँ जो उसे ग्रहण करता और विश्वास करता है, वह कभी नही मरेगा यानि वह पुनर्जीवित होकर अनन्त जीवन पायेगा | उसी को संत अगुस्टीन कहते हैं मैं विश्वास करता हूँ जिससे मैं समझूँ और विश्वास करूँ | अत: हमें भी ऐसा ही करना चाहिए |

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