सब से बड़ी आज्ञा

संत मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार
22: 34-40

जब फरीसियों ने यह सुना कि ईसा ने सदूकियों का मुँह बन्द कर दिया था, तो वे इकट्ठे हो गये। और उन में से एक शास्त्री ने ईसा की परीक्षा लेने के लिए उन से पूछा, गुरुवर! संहिता में सब से बड़ी आज्ञा कौन-सी है?" ईसा ने उस से कहा, "अपने प्रभु-ईश्वर को अपने सारे हृदय, अपनी सारी आत्मा और अपनी सारी बुद्धि से प्यार करो। यह सब से बड़ी और पहली आज्ञा है। दूसरी आज्ञा इसी के सदृश है- अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो। इन्हीं दो आज्ञायों पर समस्त संहिता और नबियों की शिक्षा अवलम्बित हैं।"

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