प्रभु ईसा के पहले शिष्य

संत योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार
1: 35-42

दूसरे दिन योहन फिर अपने दो शिष्यों के साथ वहीं था। उसने ईसा को गुज़रते देखा और कहा, "देखो- ईश्वर का मेमना!’ दोनों शिष्य उसकी यह बात सुन कर ईसा के पीछे हो लिये। ईसा ने मुड़ कर उन्हें अपने पीछे आते देखा और कहा, "क्या चाहते हो?" उन्होंने उत्तर दिया, "रब्बी! " (अर्थात गुरुवर) आप कहाँ रहते हैं?" ईसा ने उन से कहा, "आओ और देखो"। उन्होंने जा कर देखा कि वे कहाँ रहते हैं और उस दिन वे उनके साथ रहे। उस समय शाम के लगभग चार बजे थे। जो योहन की बात सुन कर ईसा के पीछे हो लिय थे, उन दोनों में एक सिमोन पेत्रुस का भाई अन्द्रेयस था। उसने प्रातः अपने भाई सिमोन से मिल कर कहा, "हमें मसीह (अर्थात् खीस्त) मिल गये हैं" और वह उसे ईसा के पास ले गया। ईसा ने उसे देख कर कहा, "तुम योहन के पुत्र सिमोन हो। तुम केफस (अर्थात् पेत्रुस) कहलाओगे।"

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