धन्य हैं वे जो बिना देखे ही विश्वास करते हैं।

संत योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार
20: 24-29

ईसा के आने के समय बारहों में से एक थोमस जो यमल कहलाता था, उनके साथ नहीं था। दूसरे शिष्यों ने उस से कहा, "हमने प्रभु को देखा है"। उसने उत्तर दिया, "जब तक मैं उनके हाथों में कीलों का निशान न देख लूँ, कीलों की जगह पर अपनी उँगली न रख दूँ और उनकी बगल में अपना हाथ न डाल दूँ, तब तक मैं विश्वास नहीं करूँगा। आठ दिन बाद उनके शिष्य फिर घर के भीतर थे और थोमस उनके साथ था। द्वार बन्द होने पर भी ईसा उनके बीच आ कर खडे हो गये और बोले, "तुम्हें शांति मिले!" तब उन्होने थोमस से कहा, "अपनी उँगली यहाँ रखो। देखो- ये मेरे हाथ हैं। अपना हाथ बढ़ाकर मेरी बगल में डालो और अविश्वासी नहीं, बल्कि विश्वासी बनो।"    थोमस ने उत्तर दिया, "मेरे प्रभु! मेरे ईश्वर!" ईसा ने उस से कहा, "क्या तुम इसलिये विश्वास करते हो कि तुमने मुझे देखा है? धन्य हैं वे जो बिना देखे ही विश्वास करते हैं।"

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