गूँगा अपदूतग्रस्त

संत मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार 
9: 32-38

वे बाहर निकल ही रहे थे कि कुछ लोग एक गूँगे अपदूत ग्रस्त मनुष्य को ईसा के पास ले आये। ईसा ने अपदूत को निकला और वह गूँगा बोलने लगा। लोग अचम्भे में पड़ कर बोल उठे, "इस्राएल में ऐसा चमत्कार कभी नहीं देखा गया है"। परन्तु फ़रीसी कहते थे, "यह नरकदूतों के नायक की सहायता से अपदूतों को निकालता है"। ईसा सभागृहों में शिक्षा देते, राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते, हर तरह की बीमारी और दुबर्लता दूर करते हुए, सब नगरों और गाँवों में घूमते थे। लोगों को देखकर ईसा को उन पर तरस आया, क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों की तरह थके माँदे पड़े हुए थे। उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, "फसल तो बहुत है, परन्तु मज़दूर थोड़े हैं। इसलिए फ़सल के स्वामी से विनती करो कि वह अपनी फ़सल काटने के लिए मज़दूरों को भेजे।"

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