कोस भर चले जाओ।

सन्त मत्ती का सुसमाचार
5: 38-42

 

तुम लोगों ने सुना है कि कहा गया है- आँख के बदले आँख, दाँत के बदले दाँत। परन्तु मैं तुम से कहता हूँ - दुष्ट का सामना नहीं करो। यदि कोई तुम्हारे दाहिने गाल पर थप्पड मारे, तो दूसरा भी उसके सामने कर दो। जो मुक़दमा लड़ कर तुम्हारा कुरता लेना चाहता है, उसे अपनी चादर भी ले लेने दो  और यदि कोई तुम्हें आधा कोस बेगार में ले जाये, तो उसके साथ कोस भर चले जाओ। जो तुम से माँगता है, उसे दे दो और जो तुम से उधार लेना चाहता है, उस से मुँह न मोड़ो।

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