लाहौर के ख्रीस्तियों पर हमला।

25 दिसम्बर का दिन वास्तव में आनन्दमय दिन होना चाहिए था किन्तु लाहौर में यह एक दुःख और क्रूरता का दिन हो गया।  

कुछ मुस्लिम लड़कों ने ईसाई लड़कियों का अपमान और उपहास करना शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप लड़कों के बीच एक विवाद पैदा हो गया। 30-35 मुस्लिम युवाओं का एक दल हिंसक रूप से बीच में आया। वे ख्रीस्तियों के घरों में घुस गये तथा महिलाओं एवं बच्चों को पीटा। झड़प में पत्थरबाजी से 7 ख्रीस्तीय घायल हो गये, एक व्यक्ति चाकू के द्वारा घायल हो गया। पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की।

25 दिसम्बर का दिन वास्तव में आनन्दमय दिन होना चाहिए था किन्तु लाहौर में यह एक दुःख और क्रूरता का दिन हो गया।  

25 दिसम्बर को अमरसाधू क्षेत्र के खादिम कोलोनी के निकल एवंजेलिकल गिरजाघर में ख्रीस्तयाग के बाद कुछ परिवारों के लड़के-लड़कियाँ बाजार के रास्ते से घर वापस लौट रहे थे तभी मुस्लिम लड़कों ने ख्रीस्तीय लड़कियों को छेड़ना और उनपर भद्दी एवं अश्लील प्रस्ताव उछालना शुरू किया। कुछ ख्रीस्तीय लड़कों ने उन्हें मना करने की कोशिश की, इस पर उनके बीच झगड़ा शुरू हो गया। यह झगड़ा इतना बढ़ गया कि 30 -35 मुसलमानों ने पत्थरों से ख्रीस्तियों को मारने एवं उनके घरों को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की। झड़प में पत्थरबाजी से 7 ख्रीस्तीय घायल हो गये हैं और एक व्यक्ति चाकू से घायल हो गया है।  

एवंजेलिकल चर्च के सुरक्षा गार्ड राशीद मसीह ने कहा कि यह पहली बार है जब उनके क्षेत्र में इस तरह की घटना घटी है जबकि ख्रीस्तीय एवं मुसलमान युवाओं के बीच कई बार झगड़े हो चुके हैं। इस बार भीड़ के द्वारा हमला किया गया।

मसीह ने बतलाया कि युवा मुस्लिम लड़कों ने ख्रीस्तीय लड़कियों को भद्दे शब्द "चूरियन" से संबोधित किया और उन्हें ले जाकर उनके साथ सारा दिन बिताने का प्रस्ताव रखा। मसीह ने कहा कि "चूरी" उर्दू में अपमानजनक शब्द है जिसको अछूत, मेहतर और दास लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। अक्सर इस शब्द का इस्तेमाल मुसलमानों द्वारा ईसाईयों को इंगित करने के लिए अपमानजनक तरीके से किया जाता है।

सुरक्षा गार्ड ने कहा कि असहिष्णुता से बाहर, कुछ मुसलमानों ने भी नुकसान करने के लिए गिरजाघर के परिसर में घुसने की कोशिश की, लेकिन वे उन्हें रोकने में कामयाब रहे।

मानव अधिकार कार्यकर्ता सालीम इक्बाल याद करते हैं कि झड़प के बाद, ख्रीस्तियों ने दो मुसलमानों को पकड़ा तथा पुलिस के हवाले किया किन्तु उन्होंने यह कहते हुए उन्हें छोड़ दिया कि वे पहले जाँच करेंगे उसके बाद गिरफ्तार करेंगे।

उन्होंने बतलाया कि ख्रीस्तीय वकील शारजील, कल कुछ पुलिसकर्मियों के साथ, हिंसा में मुख्य संदिग्धों में से एक के घर गए। मुस्लिम उनके घर के सामने आये और बोले कि यह एक मुस्लिम घर है, जिसमें महिलाएं रहती हैं अतः इसके अंदर कोई नहीं जा सकता।

शारजील ने कहा कि उस दिन वह लड़का और उसके साथी ख्रीस्तियों के घर में घुस गये थे जहाँ महिलाएँ एवं बच्चे थे, फिर भी वे नहीं रूके, बल्कि उन्होंने निर्दोष लोगों को पीटा।   

अब तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।

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