भारत में NGO पर प्रतिबंधों और अनुदान नियमों को लेकर यूएन ने जताई चिंता।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेट ने भारत में ‘‘मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर विदेशी अनुदान लेने के संबंध में लगाए गए प्रतिबंध'' को लेकर  चिंता व्यक्त की भारत सरकार से बेशलेट ने अपील की कि वह 'मानवाधिकार रक्षकों एवं एनजीओ के अधिकारों' और अपने संगठनों की ओर से 'अहम काम करने की उनकी क्षमता की रक्षा करे।'बेशलेट ने एक बयान में कहा कि 'भारत एक मजबूत नागरिक समाज रहा है, जो देश और दुनिया में मानवाधिकारों का समर्थन में सबसे आगे हैं। उन्हें चिंता है कि अवैध तरीके से कानूनों में उलझकर इनके लिए लड़ने वाली आवाजों को दबाने की घटनाएं बढ़ रही हैं।'प्रदर्शनों के संबंध में 1,500 से अधिक लोगों को कथित रूप से गिरफ्तार किया गया और कई लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत आरोप लगाया गया। यह ऐसा कानून है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप नहीं होने के कारण व्यापक निंदा की गई है।' उन्होंने कहा कि कैथलिक पादरी स्टेन स्वामी (83) समेत कई लोगों को इस कानून के तहत आरोपी बनाया गया।

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