परिवारों की रक्षा और मानवीय गरिमा का सम्मान करें।

संयुक्त राष्ट्र अमेरीका के धर्माध्यक्षीय संघ ने देश के आंतरिक सुरक्षा विभाग से शरणार्थियों के प्रति सम्मान और मानवीय गरिमा के भाव को बनाये रखने का आहृवान किया। प्रवासियों को लेकर घोषित वर्तमान कार्रवाई के संबंध में संयुक्त राष्ट्र अमेरीका के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने देश के आंतरिक सुरक्षा विभाग से इस बात की मांग की है कि वे प्रवासी परिवारों की रक्षा करते हुए उन्हें मानवीय सम्मान प्रदान करें।
विदित हो कि सरकार ने इस बात की घोषणा की है कि कुछ प्रवासी परिवारों को निष्कासन की त्वरित प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा, खासकर, उन्हें जिन्होंने उचित जांच-पड़ताल के बिना देश में प्रवेश किया है। अमेरीकी धर्माध्यक्षों के वेबसाईट अनुसार यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा प्रवासियों को दी गई गारंटीकृत सुरक्षा का हनन है।
जबकि 27 जुलाई को राष्ट्रपति बाइडेन ने राष्ट्रीय आव्रजन प्रणाली को “निष्पक्ष, व्यवस्थित और मानवीय" तरीके से बहाल करने की नवीनतम परियोजना की घोषणा की। इसमें विशिष्ट क्षेत्रों का विभाजन, कार्यक्रम का उद्देश्य “एक सुरक्षित, मानवीय और अच्छी तरह से प्रबंधित सीमा सुनिश्चित करना; शरणार्थी आवेदनों का एक व्यवस्थित और निष्पक्ष प्रसंस्करण लागू करना; क्षेत्रीय भागीदारों के साथ सहयोगी प्रवासन प्रबंधन को मजबूत करना; तथा प्रवासन के मूल कारणों को दूर करने के लिए मध्य अमेरिका में निवेश करना शामिल है”।
इन घोषणाओं के जवाब में, वाशिंगटन के सहायक धर्माध्यक्ष और यूएससीसीबी प्रवासन समिति के अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष मारियो ई. डोरसनविले ने एक बयान में कहा, “फरवरी में, हमने राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेशों का स्वागत किया। वास्तव में, कानून का निर्धारण जन सामान्य की भलाई हेतु होना है। यदि प्रवासन प्रणाली की प्रक्रिया को ठोस संरक्षण नहीं मिलता तो यह निष्पक्ष, व्यवस्थित और मानवीय आव्रजन प्रणाली नहीं हो सकती है”।
इसे ध्यान में रखते हुए, धर्माध्यक्षों ने प्रशासन से “शीघ्र निष्कासन की प्रक्रिया में परिवर्तन लाने की मांग की है। साथ ही, धर्माध्यक्षों का कहना है कि वे “सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं” से अवगत हैं अतः वे “ठोस खोजी प्रेरणाओं द्वारा समर्थित नीतियों" को प्रोत्साहित करते हैं। वे उन लोगों का विरोध करते हैं जिनके कारण परिवारों, बच्चों और समाज के कमजोर वर्गों को व्यापक रुप से प्रभावित होना पड़ता है।

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