नाईजीरिया के ख्रीस्तीय धर्मगुरूओं ने देश में हिंसा के अंत की अपील की। 

"निकारागुवा में निर्दोष नागरिकों पर लगातार हमले, शांति प्रक्रिया के लिए एक बड़ी बाधा है।" यह बात राष्ट्रीय ख्रीस्तीय संघ (सीएएन) ने मियंगो में कृषि योग्य भूमि के लिए हिंसा एवं विनाश के संदर्भ में कही। मियंगो में 31 जुलाई को बंदुकधारियों ने 7 लोगों को मार डाला और 250 घरों को ढह दिया। कई लोग घायल हो गये एवं 40 कृषि योग्य भूमि नष्ट हो गई। हमले करीब 4 घंटों तक जारी रहे।  
सीएएन ने कहा कि भूमि की तबाही की जाँच अगर तत्काल न की जाए तो इससे अकाल और विपत्ति आ सकती है। यही कारण है कि हम सुरक्षा एजेंसी से उनकी प्रतिबद्धता की अपील करते हैं कि इस खतरे का अंत करें। 
याद रहे कि 2009 के बाद से, पूरा नाईजीरिया डर में जी रहा है, इस्लामी चरमपंथियों बोको हराम के हमलों और पानी एवं कृषि संसाधनों के नियंत्रण के लिए हिंसा को भड़काया गया है। खासकर, देश के मध्य भाग में फुलानी जाति के खानाबदोश चरवाहों के दल, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं, क्रोधित होकर, अक्सर लोगों और संपत्ति पर हमला करते हैं, स्थायी किसानों के साथ संघर्ष करते हैं, जिनमें से अधिकांश ख्रीस्तीय हैं। जून में सीएएन ने लगातार संघर्ष के कारण खाद्य संकट की चेतावनी दी थी। संघ ने जोर दिया है कि "अकाल हमें देख रहा है और, जब तक गंभीर उपाय नहीं किए जाते, किसानों को अपनी जमीन पर सुरक्षित रहने की इजाजत नहीं देते, हम खुद को भूखी और निराश आबादी के साथ पाएंगे।"
अतः उन्होंने सरकार से अंतिम अपील की कि वह सभी के लिए सुरक्षा स्थिति का तत्काल सामना करे, ताकि नाइजीरियाई लोगों को आपराधिक गिरोहों और उनके द्वारा स्थापित आतंक के शासन से मुक्त किया जा सके।"  

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