झाबुआ नन्स गैंगरेप के 21 साल बाद आरोपी गिरफ्तार

21 साल पहले 26 लोगों ने 4 ईसाई ननों के साथ गैंगरेप किया और फिर फरार हो गए थे पुलिस ने धीरे-धीरे आरोपियों को पकड़ा जिसमे 24 आरोपी गिरफ्तार में लिए सोमवार को 25वां आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किया अभी भी एक आरोपी फरार है.

क्या था पूरा मामला ?
झाबुआ जिले के कल्याणपुरा क्षेत्र के गांव नवापाड़ा में चर्च और डिस्पेंसरी साथ-साथ थी. 23 सितंबर 1998 को कुछ लोग आए और उन्होंने दरवाजा खटखटाते हुए कहा एक मरीज को तत्काल दवाई की जरूरत है. वे अंदर आना चाहते थे. उस वक्त पुदुच्चेरी से आई हुईं चार नन अंदर मौजूद थी. जब उन्होंने दरवाजा नहीं खोला तो बाहर खड़े लोग दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हो गए. अगले दो घंटे तक उन्होंने वहां रखे रुपए, कीमती सामान आदि लूट लिया और ननों के साथ गैंगरेप किया

घटना में कितने आरोपी थे ?
घटना में कुल 26 आरोपी थे, जिनमें से 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की 
सजा दी और 13 आरोपी बरी कर दिए गए. मामले के एक आरोपी को 5 साल की सजा हुई और सुनवाई के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई. इस मामले में दो आरोपी कालू लिमजी और बच्चू नाहरसिंह घटना के दिन से ही फरार चल रहे थे. कालू को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि बच्चू अब भी फरार है. 
45 साल के कालू लिमजी को सोमवार को गांव अंबा से गिरफ्तार किया गया. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि थाना कल्याणपुरा में दर्ज मामले में 21 सालों से फरार चल रहा आरोपी कालू गांव अंबा में रह रहा है. वह कुछ समय पहले गुजरात से मजदूरी कर वापस आया है. इस सूचना पर पुलिस दल ने घेराबंदी कर फरार आरोपी को दबोच लिया.

झाबुआ धर्मप्रान्त में गिरफ्तारी पर सन्तोष -
झाबुआ धर्मप्रान्त के काथलिक अधिकारियों ने पुलिस कार्रवाई पर सन्तोष व्यक्त किया है. धर्मप्रान्त के प्रवक्ता फादर रॉकी शाह ने कहा, "हम बहुत खुश हैं कि फरार दो लोगों में से एक को कानून के सामने लाया गया है

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