Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
कुपोषण के खिलाफ कारितास इंडिया का चालीसा अभियान
पोषण हमारा अधिकार" है भारत के काथलिक उदारता संगठन कारितास इंडिया द्वारा चालीसा काल में अभियान चलाया जा रहा है।
कारितास इंडिया ने भूख से लड़ने हेतु चालीसा काल में एक आंदोलन जारी किया है, इस आंदोलन का उद्देश्य कुपोषण के संकट से लड़ना है। जिसके माध्यम से लोगों में एकात्मता, खाद्य सुरक्षा, चिकित्सा सेवा एवं सभी नागरिकों में प्रतिष्ठित जीवन के प्रति जागरूकता उत्पन्नकी जाएगी।
कुपोषण
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार भारत के 38.4 प्रतिशत बच्चे सूखा रोग से पीड़ित हैं, 35.8 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के कारण कम वजन के शिकार हैं। आर्थिक विकास के पर्याप्त संसाधनों के बावजूद, देश में लाखों बच्चे भूख से पीड़ित हैं। कुपोषण एक दुर्बल करने वाली स्थिति है जो बच्चों के प्रति रक्षा प्रणाली को कमजोर करती और उन्हें बीमारियों के संपर्क में लाती है, यही कारण है कि मृत्यु दर बढ़ जाती भारत में हर साल कुपोषण के कारण मरने वाले पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या दस लाख से भी ज्यादा है. दक्षिण एशिया में भारत कुपोषण के मामले में सबसे बुरी हालत में है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में किए गए सर्वेक्षणों में पाया गया कि देश के सबसे गरीब इलाकों में आज भी बच्चे भुखमरी के कारण अपनी जान गंवा रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस ओर ध्यान दिया जाए तो इन मौतों को रोका जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र ने भारत में जो आंकड़े पाए हैं, वे अंतरराष्ट्रीय स्तर से कई गुना ज्यादा हैं. संयुक्त राष्ट्र ने स्थिति को "चिंताजनक" बताया है।
कुपोषण अत्यन्त गरीबी एवं असमानता का परिणाम है।
कारितास इंडिया के कार्याकारी निदेशक फादर जोल्ली पुथेनपुरा ने कहा, "कुपोषण अत्यन्त गरीबी एवं असमानता का परिणाम है जो व्यक्ति और समाज दोनों को बुरी तरह प्रभावित करता है।"
फादर ने कहा कि कलीसिया को एक उत्प्रेरक के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और विवेक से काम करना चाहिए ताकि समुदाय गरीबों और भूखों को खिलाने के लिए अपनी एकजुटता और प्रतिबद्धता व्यक्त करें।"
येसु की करुणा को सभी के जीवन में अनुभव करने की आवश्यकता है ।
कारितास इंडिया के सहायक कार्यकारी निदेशक ने कहा, "येसु की करुणा को सभी के जीवन में अनुभव करने की आवश्यकता है ताकि समाज से भूख और कुपोषण के दाग को मिटाया जा सके।” उन्होंने कहा कि संत पापा हमसे आग्रह करते हैं कि हम उन लोगों की मदद करने के लिए आवश्यक कदम उठायें जो हताश हालात में हैं
सतत् विकास लक्ष्य
भारत की काथलिक कलीसिया 17 सतत् विकास लक्ष्य से परिचित है जिसको 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने 2030 तक प्राप्त करने का निश्चय किया है।
सतत् विकास लक्ष्य में दूसरा नम्बर है भूख को समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना तथा पोषण को विकसित करना एवं उन्नत कृषि को बढ़ावा देना।
फादर पुथेन पुरा ने कहा कि भारत का काथलिक समुदाय अपनी जिम्मेदारी निभाना चाहता है।
Add new comment