महाधर्माध्यक्ष लियोपोल्दो जिरेल्ली भारत के नये प्रेरितक राजदूत

संत पिता फ्राँसिस ने 13 मार्च को भारत के लिए नये प्रेरितक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोल्दो जिरेल्ली को नियुक्त किया। अब तक वे इजरायल और साइप्रस के प्रेरितिक राजदूत तथा येरुसालेम और फिलिस्तीन के प्रेरितिक प्रतिनिधि के रुप में अपनी सेवा दी है।
जीवन परिचय:- महाधर्माध्यक्ष लियोपोल्दो जिरेल्ली का जन्म 13 मार्च 1953 को उत्तरी इटली के लोम्बार्डी क्षेत्र के पैगोर, बेर्गामो में हुआ था। इनका बेर्गामो धर्मप्रांत के लिए 17 जून 1978 को पुरोहिताभिषेक हुआ। इन्होंने धर्मशास्त्र में डॉक्टरेट की है और कैनन लॉ में मास्टर डिग्री हासिल की है। उन्होंने 13 जुलाई 1987 को परमधर्मपीठ की राजनयिक सेवा में प्रवेश किया। उन्होंने कैमरून, न्यूजीलैंड में संत पापा के राजनयिक मिशनों में और वाटिकन राज्य सचिवालय के सामान्य मामलों के अनुभाग में काम किया और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रेरितिक राजदूतावास में उन्होंने काउंसलर का पद पर काम किया। संत पिता बेनेडिक्ट सोलहवें ने उन्हें 13 अप्रैल 2006 को काप्री के टिटुलर महाधर्माध्यक्ष और इंडोनेशिया में प्रेरितिक राजदूत नियुक्त किया। उन्हें 17 जून 2006 को कार्डिनल अंजेलो सुदानो ने उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक किया। उन्हें 10 अक्टूबर 2006 को इंडोनेशिया में प्रेरितिक राजदूत के अलावा, ईस्ट तिमोर का भी प्रेरितिक राजदूत नियुक्त किया गया था। 13 जनवरी 2011 को उन्हें सिंगापुर का प्रेरितिक राजदूत, मलेशिया और ब्रुनेई का प्रेरितिक प्रतिनिधि और वियतनाम के लिए गैर-आवासीय परमधर्मपीठीय प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। उन्हें 18 जून 2011 को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) में प्रेरितिक राजदूत भी नियुक्त किया गया था।
13 सितंबर 2017 को उन्हें इजरायल का प्रेरितिक राजदूत और जेरूसलम एवं फिलिस्तीन का प्रेरितिक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया और साथ ही 15 सितंबर 2017 को उन्हें साइप्रस का प्रेरितिक राजदूत नियुक्त किया गया। वे अपनी मातृभाषा इतालवी के अलावा अंग्रेजी और फ्रेंच भी बोलते हैं।

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