कोरियाई धर्माध्यक्ष बने याजकों के धर्मसंघ के अध्यक्ष। 

पोप फ्रांसिस ने कार्डिनल बेनियामिनो स्तेल्ला के त्याग पत्र को स्वीकार करते हुए उनके स्थान पर कोरियाई धर्माध्यक्ष लाजारो यू हेयंग सिक को याजकों के परमधर्मपीठीय धर्मसंघ का नया प्रिफेक्ट नियुक्त किया।
पोप फ्रांसिस ने कार्डिनल बेनियामिनो स्तेल्ला के इस्तीफे को उनकी आयु सीमा के कारण स्वीकार करते हुए 69 वर्षीय कोरियाई धर्माध्यक्ष लाजारो यू हेयंग सिक को याजकों के परमधर्मपीठीय धर्मसंघ का नया अध्यक्ष नियुक्त किया। पोप फ्रांसिस की 2014 में कोरिया की प्रेरितिक यात्रा के दौरान धर्माध्यक्ष लाजारो ने अपने धर्मप्रांत डाइजॉन में उनका स्वागत किया था।
1951 में जन्मे और डाईजॉन धर्मप्रांत के लिए अभिषिक्त धर्माध्यक्ष लाजारो यू हेयंग सिक 2003 में अपने ही धर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष बनें और दो साल बाद धर्माध्यक्ष की पूरी जिम्मेदारी ली। नवनियुक्त अध्यक्ष कोरियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की शांति समिति के अध्यक्ष थे और चार बार उत्तरी कोरिया जा चुके हैं।
याजकों के लिए विश्वव्यापी कलीसिया में एक कोरियाई धर्माध्यक्ष की नियुक्ति, कार्डिनल लुइस अंतोनियो ताग्ले के प्रोपागांडा फिदे के शीर्ष के रूप में नियुक्ति के बाद हुई है जो पोप फ्रांसिस की एशियाई कलीसिया की ओर ध्यान देने का संकेत है।
याजकों के लिए परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष के पद पर नियुक्ति काफी समय से रूका हुआ था क्योंकि पूर्व अध्यक्ष कार्डिनल बेनियामिनो स्तेल्ला अगले 18 अगस्त को 80 साल के हो जायेंगे। कार्डिनल बेनियामिनो की नियुक्ति 2013 में पोप फ्रांसिस के चुनाव के कुछ ही दिनों बाद हुई थी।

Add new comment

1 + 1 =