कार्डिनल लौरेंत मोनसेंग्वो पसिन्या का निधन। 

कोंगो के कार्डिनल लौरेंत मोनसेंग्वो पसिन्या का निधन रविवार को फ्राँस के वर्सेल्स में हुआ। वे 81 साल के थे। जुलाई के शुरू में जब उनका स्वस्थ बिगड़ने लगा तब उन्हें फ्रांस के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। वे 2018 तक कार्डिनल परिषद के सदस्य थे। किंशसा के महाधर्माध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपने देश की शांति के लिए काम करने का निर्णय लिया था।
रविवार 11 जुलाई को एक ट्वीट में किंशसा के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल फ्रिडोलिन अमबोंगो ने जानकारी दी कि कार्डिनल लौरेंत मोनसेंवो पसिन्या का निधन फ्राँस के वर्सेल्स में हुआ। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, "मैं अत्यन्त दुःख के साथ काथलिक ख्रीस्तीय समुदाय एवं भली इच्छा रखनेवालों को कार्डिनल लौरेंत मोनसेंग्वो पसिन्या के निधन की सूचना देता हूँ।" यह सम्पूर्ण कोंगो की कलीसिया के लिए एक गहरा दुःख है, जो कार्डिनल को "अंतर्राष्ट्रीय पहचान" के व्यक्ति के रूप में याद करता है, जिन्होंने अपना जीवन "अधिक न्यायपूर्ण दुनिया" के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।
कार्डिनल लौरेंत प्रथम अफ्रीकी थे जिन्होंने रोम के परमधर्मपीठीय बाईबिल संस्थान से धर्मग्रंथ पर डॉक्ट्रेट की उपाधि हासिल की थी। संत पापा फ्रांसिस द्वारा परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालय में सुधार हेतु गठित कार्डिनल परिषद के भी वे सदस्य रह चुके हैं। कार्डिनल अपने देश कोंगो में शांति बहाली के लिए प्रयासरत थे। जो जोसफ कबीला की सरकार के तहत एक गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट में फंसा है, जो 2016 के अंत में अपने पिछले जनादेश की अवधि समाप्त होने के बावजूद अपने तीसरे कार्यकाल में है।
कार्डिनल लौरेंत मोनसेंग्वो पसिन्या का जन्म 1939 को कोंगो में हुआ था। 1963 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ था एवं 1980 में संत पापा जॉन पौल द्वितीय के द्वारा वे धर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये थे।
वे इनोंगो और किसनगनी के सहायक धर्माध्यक्ष रहे। उसके बाद किसनगनी एवं किंशसा के महाधर्माध्यक्ष बने। वे अफ्रीकी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष भी थे। पोप बेनेडिक्ट 16वें ने उन्हें 20 नवम्बर 2010 को कार्डिनल नियुक्त किया था। 2012 में उन्होंने संत पापा की उपस्थिति में रोमन कूरिया के लिए चालीसा काल की आध्यात्मिक साधना का संचालन किया था। 13 अप्रैल 2013 को संत पापा फ्रांसिस ने उन्हें कार्डिनल परिषद का सदस्य नियुक्त किया था। कार्डिनल के अवशेष को किंशसा लिया जाएगा जहाँ उन्हें महागिरजाघर में दफनाया जाएगा। 

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