हर चीज़ों में ईश्वर की महिमा करे। 

पुण्य सप्ताह हमें येसु के समर्पित जीवन पर आत्ममंथन करने के लिए आमंत्रित करता है। जैसे- जैसे येसु का समय निकट आता है वह व्याकुल हो उठते हैं। वह अपने शिष्यों के समक्ष अपने ऊपर होने वाली घटना का जिक्र करते हैं। अपनों के द्वारा विश्वासघात किये जाने की बात कहते हैं। येसु बहुत दु: खी हैं क्योंकि उनका अपना एक शिष्य ही उसे छल से पकड़वा देगा। इस दु : ख की घड़ी में येसु एक विनम्र सेवक के रूप में अपने को समर्पित करते हैं। येसु जानते थे कि इस दु : ख के बाद ईश्वर उसे महिमान्वित करेगा और अपनी महिमा भी प्रकट करेगा। अपने दु : खों के समय में भी हम येसु की तरह ईश्वर को पूर्णरूपेण समर्पित कर दें ताकि ईश्वर हमें अपने पुत्र की तरह अपनी ही महिमा से महिमान्वित करे। यह पुण्य सप्ताह हम सबों के लिए कृपा का कारण बने। 

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