सबसे बड़ा कलाकार

इब्रानियों के नाम पत्र के अन्तिम अध्याय में हमें विशेष गुणों को अपनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
1. भ्रातृप्रेम - समझदारी और इर्द - गिर्द पवित्र इच्छा का होना। 
2. अपरिचितों के प्रति प्रेम जो अतिथि सत्कार सेवा भावना पर समाहित है। नई संस्कृति और सोच के प्रति हम खुला रहें। 
3. वैवाहिक जीवन दाम्पत्य जीवन एक बुलाहट है। हमारे अन्तर्तम में ईश्वर की एक सुगबुगाहट है। प्रभु ने कहा- अकेला रहना मनुष्य के लिए अच्छा नहीं। इसलिए मैं उसके लिए एक उपयुक्त सहयोगी बनाऊँगा।" (उत्पत्ति ग्रंथ 2 : 18) 
हमारे जीवन का उद्देश्य है ख्रीस्त का साक्षी देना। मनुष्य एक गलती को छुपाने के लिए दूसरी गलती कर बैठता है जैसे आज के सुसमाचार में पाते हैं। हेरोद ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियस को ब्याह कर यहूदी समाज के नियम का उल्लंघन किया और नैतिकता की धज्ज्यिाँ उड़ाई थी। इसी व्यभिचार विवाह पर टिप्पणी करने के कारण योहन बपतिस्ता को जान की कुर्बानी देनी पड़ती है। अन्याय के विरुद्ध न्याय के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ती है। इसका जीता- जागता उदाहरण है फा.  ए. टी. थोमस, सि. रानी मरिया, फा. रास्कट, सि. बाल्सा इत्यादि।
किसी ने कहा है "दुनिया में सबसे बड़ा कलाकार वही है जो अपने जीवन को ही एक कला बना दे।" यह भी याद रहे कि हम विवाहित हों या अविवाहित, सभी पवित्र बनने के लिए बुलाए गए हैं। वैवाहिक जीवन की सफलता इन बातों पर आधारित है- 
1. शर्तहीन प्यार - मुझे प्यार करता है या नहीं , लेकिन मैं हमेशा प्यार करूँगा।
2. बलिदान- अपनी भलाई के लिए नहीं दूसरे की भलाई और खुशी के लिए जीना है।
3. क्षमाशीलता- सात बार तक नहीं बल्कि सत्तर गुना सात बार तक।

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