सच्चा पडोसी

पुराने व्यवस्थान के लेवी ग्रन्थ 19:18 में पढ़ते हैं, "तुम अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो।” यहूदी मतानुसार पड़ोसी वह है, जो अपने धर्म या देश से संबंधित व्यक्ति है। मतलब साथी- यहूदी व परदेशी जो अपने साथ निवास करता है। समारी उनके पड़ोसी नहीं बन सकते। समारियों के साथ संबंध बनाना पाप और अपवित्र है। यहूदी समारियों से घृणा करते थे। इस संदर्भ में प्रभु खीस्त के अनुसार, आज के दृष्टान्त द्वारा, प्रकाश डाला जाता है कि पड़ोसी वह है, जो हर परिस्थिति में जरूरतमन्द है। हम सब ईश्वर के पुत्र- पुत्रियाँ हैं। हम सब का मुक्तिदाता प्रभु येसु खीस्त हैं। हम सब एक- दूसरे के भाई- बहन हैं। अगर हम अदृश्य ईश्वर से प्रेम करते हैं, तो दृश्य मानव, जो ईश्वर के अनुरूप सृष्ट किया गया है, को न घृणा कर सकते, न उपेक्षा कर सकते, विशेषकर उसे जो जरूरतमन्द हो। समारी ने नहीं देखा कि घायल व्यक्ति कौन- से धर्म, भाषा, कुल, गोत्र, जाति, देश- प्रदेश का है, पर उसने घायल व्यक्ति की मदद की। इस प्रकार वह अपने प्रेम व दया, करुणा- अनुकम्पा को अभिव्यक्त करता है। यही ईश्वरीय प्रेम है, जिसे हर खीस्तीय को पालन करने की आवश्यकता है। अपनी सुरक्षा खतरे में है, जब अपने पड़ोसी के घर में आग लगी है- होरस ने कहा।

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