शांति का सन्देश

येसु के बारह चेले न केवल चेले मात्र हैं बल्कि प्रेरित हैं जो मिशन कार्य के लिए भेजे गए हैं। येसु उन्हें प्रेरिताई कार्य की यात्रा में कुछ भी साथ न ले जाने की सलाह देते हैं। येसु उन्हें भौतिक आवश्यकताओं के खाली स्थान को आध्यात्मिक मूल्यों से भरते हैं। वे उन्हें बल, शक्ति, शांति, सामर्थ्य एवं अधिकार प्रदान करते हैं ताकि वे इन दैवी शक्तियों से ईश्वर के राज्य का निर्माण एवं विस्तार का कार्य भलीभाँति कर सकें। आज इस आधुनिक युग में अगर इन्सान को किसी मूल्य की जरूरत है तो वह है - शांति। येसु शिष्यों को हृदय में केवल शांति धारण करने के लिए प्रेरित करते हैं कि जिस घर में तुम प्रवेश करो, शांति वरदान दो। आइए हम शांति के दूत बनकर अपने समाज में प्रेम, एकता एवं विश्वास जैसे मूल्यों को बढ़ावा दें। इस अशांत दुनिया में, हमारे अशांत जीवन में, टूटे- बिखरे परिवारों में प्रभु का राज्य आवे।

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