विश्वास क महत्त्व 

ईश्वरीय इच्छा, पर - हित और सद् इच्छा रखने वाले लोगों पर उनके विरोधी हमेशा से उन्हें परेशान और प्रताड़ित करते रहे हैं एवं करते रहेंगे। येरेमियस नबी आज के पहले पाठ में उन लोगों का पक्ष लेते हैं जो ईश्वर भक्त और उन पर भरोसा रखते हैं और कहते हैं, "परन्तु प्रभु एक पराक्रमी शूरवीर की तरह मेरे साथ है। मेरे विरोधी ठोकर खा कर गिर जायेंगे। वे मुझ पर प्रबल नहीं हो पायेंगे और अपनी हार का कटु अनुभव करेंगे।" नबी के शब्दों में उम्मीद और सान्त्वना है। 
येसु ने भी कई बार अपने को यहूदियों और फरीसियों से हाथों से बचाया था। वे उन्हें मार डालना चाहते थे। क्योंकि येसु ने ईश पुत्र होने का दावा किया था। और उनके विरोधी इसे ईश निन्दा मानते थे। वे येसु पर विश्वास नहीं कर सके। येसु को इस पर बहुत ही आश्चर्य होता है। प्रेम का संबंध, विवाह का संबंध और दोस्ती का संबंध विश्वास पर टिका रहता है। विश्वास की कमी के कारण हर संबंध टूट- सा जाता है। हम अपने विश्वास को बनायें रखें ताकि हमारा जो प्रेम का संबंध है वह बना रहे। ईश्वर हमारी दीन आत्माओं को दुष्टों के हाथों से बचाता रहे

Add new comment

2 + 11 =