विश्वास की कमी 

आँधी को शांत करना येसु के ईश्वरीय शक्ति को प्रकट करता है। यह चमत्कार साक्षी देता है कि येसु में ईश्वरीय शक्ति है और पिता परमेश्वर सच्चे तौर पर येसु में मौजूद हैं। शिष्य इस महान् उपस्थिति को विश्वास करने के लिए आमंत्रित किए गए हैं। दूसरी ओर हम देखते हैं कि शिष्य बहुत भयभीत हैं। येसु में विश्वास की कमी के कारण वे घबराये हुए थे। ईश्वर में विश्वास करने के लिए हमें बहुत से तरीके दिए गए हैं। जैसे ईश्वर के वचन को पढ़ना, मनन चिन्तन करना, संस्कारों के समारोह और लगातार व्यक्तिगत प्रार्थना आदि। 
भयंकर आँधी ख्रीस्तीय विश्वासियों के जीवन में आने वाली दर्दभरी विपदाओं तथा घटनाओं जैसे: निकटतम रिश्तेदारों तथा सगे संम्बन्धियों की मृत्यु या बीमारी से हमेशा पीड़ित रहना या आर्थिक तंगी आदि का प्रतीक है। येसु ख्रीस्त का शिष्यों को या किसी भी ख्रीस्तीय को प्रश्न करने का मतलब स्वाभाविक तौर पर यह नहीं है कि किसी भी ख्रीस्तीय विश्वासी के जीवन में दु: ख- तकलीफ नहीं आयेंगी। परन्तु ये प्रश्न हमें जागरूक करते हैं कि जीवन में आने वाली आँधियाँ चाहे कितनी भी प्रचण्ड या भयावह क्यों न हो, वे घातक नहीं हो सकतीं। हमारे जीवन में जो भी घटनाएँ घटती हैं, ईश्वर उन सभी का उपयोग हमारी भलाई के लिए करते हैं। जब तक हम ईश्वर के नाव में पूर्ण विश्वास के साथ बैठे हैं, हमें किसी से भी डरने या भयभीत होने की जरूरत नहीं है।

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