मैं कभी तुम्हारा साथ ना छोडूंगा।

नबी इसायस के ग्रंथ में हम सांत्वनापूर्ण बातें सुनते हैं कि यदि एक स्त्री अपने दुधमुहे बच्चे को भुला भी दे, तो भी मैं तुम्हें कभी नहीं भुलाऊँगा। ईश्वर सत्यप्रतिज्ञ है और यह हम सबों का विश्वास भी है। ईश्वर ने मनुष्य की सृष्टि अपने ही प्रतिरूप में की है। क्योंकि वह हमें प्यार करते हैं। जब हम उनसे भटक जाते हैं तो वह हमें पुनः एकत्र और स्थापित करना चाहते हैं। वे अपने विधान को बनाये रखने के लिये हमेशा वचनबद्ध हैं। सियोन का कहना कि "प्रभु ने मुझे भुला दिया है।" यह मात्र मानवीय कमजोरी को दर्शाता है। छोटी- छोटी कठिनाइयों से विचलित होकर एक मनुष्य अपनी कमजोरी का परिचय देता है।
ईश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को इस संसार में भेजकर अपने प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण दिया है। ईश्वर ने येसु को न केवल संसार में भेजा बल्कि उसे पूरा अधिकार भी दिया है ताकि वह ईश्वरीय सामर्थ्य और महिमा को अपने वचन और कार्यों के द्वारा प्रकट करे। येसु ने अपनी उपस्थिति से ईश्वरीय उपस्थिति का आभास कराया और अपने वचनों से ईश्वरीय महिमा को प्रकट किया और चमत्कारी कार्यों के द्वारा ईश्वरीय सामर्थ्य को प्रदर्शित किया। उसने जो कुछ भी किया ईश्वरीय इच्छा के अनुसार ही किया। आज हममें से प्रत्येक के लिए एक आह्वान् है कि हम भी ईश्वरीय इच्छा के सामने अपने को हमेशा समर्पित करे और उसके सान्निध्य में जीवन बितायें।

Add new comment

5 + 7 =