भलाई करने के लिए हर समय उपयुक्त है।

आज के सुसमाचार में फिर से येसु पर विश्राम दिवस के नियम के उल्लंघन का आरोप लगता है। प्रभु येसु जानते थे कि विश्राम के दिन को पवित्र रखने के ख्याल से विश्राम के दिन कुछ काम नहीं करना चाहिए या ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जो विश्राम दिवस के विरुद्ध हो। परन्तु बाईबल में कई जगहों पर हम पाते हैं कि ईसा की उपस्थिति की खबर सुनकर ही लोग भीड़ के भीड़ इकट्ठे हो जाते थे। उनमें से बहुत से लोग उनकी बातों को सुनना चाहते थे। कुछ लोग अपनी लम्बी बीमारियों से चंगाई पाने की आस में आते थे।
इस स्थिति में और लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए, प्रभु येसु बीमारी से पीड़ित लोगों को चंगाई और कई प्रकार की समस्याओं से लदे लोगों को मुक्ति देते हैं, यह जानते हुए भी कि यह विश्राम का दिन है। वे उनपर सवाल करने वाले फरीसियों पर ही सवाल करते हुए पूछते हैं कि 'विश्राम के दिन भलाई करना उचित है या बुराई? जान बचाना या मार डालना (मारकुस 3 : 4)? ऐसा कहकर वे उन्हें निरुत्तर कर देते हैं और तब उस सूखे हाथ वाले को चंगा करते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रभु येसु हम सबको यह बतलाना चाहते हैं कि भलाई करने के लिए कोई निश्चित दिन निर्धारित नहीं है, या भलाई करने के लिए किसी तरह की कोई बंदिश नहीं होनी चाहिए। जब भी जहाँ भी जैसी भी परिस्थिति या समय हो हमें प्रभु भलाई का काम करते रहने की प्रेरणा देते है।

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