Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
प्रार्थना किस प्रकार करनी चाहिए।
नबी इसायस बताते हैं कि कैसे शाश्वत ईश्वर अपनी उन सभी प्रतिज्ञाओं को बनाए रखता है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। उनकी इच्छा तथा प्रतिज्ञाएँ, पानी और बर्फ के समान हैं जो अपने रास्ते में रुकती नहीं है। उसी प्रकार से हमारे आध्यात्मिक जीवन में कालचक्र है। ईश्वर हमें अपने दानों को प्रदान करते हैं जो हमारी आत्माओं को फलप्रद बनाते हैं और हमारी प्रार्थनाओं में ईश्वर के पास वापस जाते हैं। पानी और बर्फ आकाश से उतर कर जमीन को सींचते हैं इसे उपजाऊ बनाते हैं। हरियाली छा जाती है। बीज बोने वाले को बीज एवं खानेवालों को अनाज मिलता है। ईश्वर की वाणी भी हमारे हृदय को प्रभावित करती तथा क्रियाशील बनाती है जब हम ईश्वर वाणी पर ध्यान देते है।
सुसमाचार में येसु अपने चेलों को आदर्श प्रार्थना करने के लिए सिखाते हैं। चालीसे काल में हम उसकी वाणी सुनें और उसी के मुताबिक काम करें। हम अनावश्यक चीजों पर ध्यान न दें। अतः येसु चेलों को बताते हैं कि उन्हें किस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए। पहला , ईश्वर जो स्वर्ग में है उसे याद किया जाये ताकि उनकी जो इच्छा है वह इस धरा पर हमारे द्वारा सम्पूर्ण रूप से पूरी हो। दूसरी चीज हमारी शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति इस दुनिया में हो, जिससे हम चिन्तित न रहें और मन तथा हृदय से समय दे सकें। तीसरी बात हमारे अपराध को वे क्षमा करें जैसे हम भी इस दुनिया में दूसरों के अपराध क्षमा करते हैं। चालीसे के पुण्य काल में इसे हम अनुभव करें। दुनिया में हम सुरक्षित नहीं हैं। अतः हमें परीक्षा में न डालना और तमाम बुराइयों से हमें बचा। वही प्रभु हमें शक्ति प्रदान करें।
Add new comment