Radio Veritas Asia Buick St., Fairview Park, Queszon City, Metro Manila. 1106 Philippines | + 632 9390011-15 | +6329390011-15
पश्चात्ताप
आज के तीनों पाठों को हम एक विषयवस्तु 'पश्चात्ताप' के सूत्र में बाँध सकते हैं। नबी एजेकिएल भले और पापी मनुष्य के जीवन के द्वारा इस्राएलियों को सुन्दर ढंग से समझाते हैं। भले मनुष्य की धार्मिकता उसे बचाती है और पापी का पापमय जीवन उसे नष्ट करता है। सुसमाचार भी हमें दो पुत्रों के दृष्टांत से चुनौती देता है कि हम विश्वासी होने का दावा करते हैं- प्रभु की शपथ लेते हैं, उनकी आज्ञाओं का पालन करने की कोशिश करते हैं लेकिन पहले पुत्र के समान मुकर जाते हैं। जो समाज की नज़रों में पापी हैं वे दूसरे पुत्र के समान हैं जो शपथ नहीं खाते हैं, लेकिन बाद में पछतावा करके लौट आते हैं। प्रभु के पास कैसे लौटे? पश्चात्ताप द्वारा। हमें पश्चात्तापी हृदय की विनम्रता चाहिए, क्योंकि प्रभु एक पश्चात्तापी दीनहीन हृदय को चाहता है- जिसका आम उदाहरण है- आज का दूसरा पाठ। सन्त पौलुस लोगों को येसु मसीह की विनम्रता का अनुसरण करने का आह्वान करते हैं। आइए हम कितने ही घोर अपराधी क्यों प्रभु की करुणा एवं अनुकम्पा पत्थर को भी मोम बना सकती है- उसी दिव्य शक्ति के सामने विनम्रतापूर्वक घुटने टेककर अपने पापी हृदय को पश्चात्ताप के वरदान से भर दें ताकि सच्चा पश्चात्ताप करके हम नवीन बन जाएँ।
Add new comment