धन्य कुँवारी मरियम के पति और कलीसिया के संरक्षक संत का पर्व 

आज कलीसिया संत जोसेफ धन्य कुँवारी मरियम के पति और कलीसिया के संरक्षक संत का पर्व मनाती है। ईश्वरीय मुक्ति विधान में हम पाते हैं कि ईश्वर ने अपनी सत्यप्रतिज्ञता और वचनबद्धता को पूरा किया। आदम और हेवा एवं उनके पुत्र सेथ से लेकर एली के पुत्र जोसेफ जो धन्य कुँवारी मरियम के पति और येसु के पालक पिता हैं, ईश्वर ने अपनी प्रतिज्ञाएँ पूरी की हैं। ईश्वर ने अपनी संतति को बनाये रखा है। जैसा कि पहले पाठ में लिखा है, "जब तुम्हारे दिन पूरे हो जायेंगे और तुम अपने पुरखों के साथ विश्राम करोगे, तो तुम्हारे पुत्र को तुम्हारा उत्तराधिकारी बनाऊँगा और उसका राज्य बनाये रखूगा।' हमारा ईश्वर सर्वशक्तिमान सृष्टिकर्ता है जो अपने पितृतुल्य प्रेम से अपनी सृष्टि को सुरक्षित रखता है। 
संत जोसेफ और धन्य कुँवारी मरियम के द्वारा ईश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को इस दुनिया में भेजा। ताकि वह इस दुनिया में रह कर ईश्वरीय राज्य का विस्तार करे। ईश्वर का राज्य अनन्त है जिसकी कोई थाह नहीं लगा सकता। संत जोसेफ ने संसार के मुक्तिदाता येसु को अपना पुत्र स्वीकार किया और अपने पवित्र परिवार की देख- रेख का दायित्व भी उन्होंने लिया। धन्य कुँवारी मरियम और येसु के लिये संत जोसेफ ने ईश्वरीय इच्छा के अनुसार अपने को समर्पित कर दिया। व्यक्तिगत परिवार की देख- रेख करने वाले संत जोसेफ को कलीसिया रूपी परिवार की सुरक्षा का दायित्व भी दिया गया। अपने धैर्य, अपनी विनम्रता, सरलता और आध्यात्मिकता एवं कड़ी मेहनत के कारण आज वे हमारी कलीसिया के संरक्षक संत नियुक्त किये गये हैं। आज हम उन्हीं की मध्यस्थता से प्रार्थना करें कि अपने व्यक्तिगत परिवार और कलीसिया रूपी परिवार का हर एक सदस्य अपने उत्तरदायित्व को भली- भाँति समझे और ईश्वरीय इच्छा के अनुसार उसे पूरा कर सके।

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